पूरे कुम्भ मेले में विभागीय कार्यों का निष्ठा एवं जिम्मेदारी पूर्वक कार्य करने पर आयुक्त देवेश चतुर्वेदी एवं मेला प्रभारी मणिप्रसाद मिश्र ने डा0रसिक किशोर सिंह ‘‘नीरज’’ को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण निगम कलेक्टेªट बांदा में तैनात डा0रसिक की ड्यूटी यहां महाकुंम्भ मेले में सूचना विभाग में लगाई गई थी। वह 2 जनवरी से 16 मार्च तक मेले में डटे रहे। डा0रसिक किशोर सिंह पूरे 74 दिन कुम्भ मेले में तैनात रहे तथा पूरे लगन व जिम्मेदारी से विभागीय कार्यो का निर्वहन किया; इतना ही नहीं विभागीय ड्यूटी के साथ ही साथ वह श्रद्धालुओं की मदद करने में भी पीछे नहीं रहे।
डा0 रसिक के कार्यों की प्रशंसा करते हुए मंडलायुक्त श्री चतुर्वेदी व मेलाप्रभारी श्री मिश्र ने 16 मार्च को उन्हें प्रशस्ति पत्र से सम्मानित कर मेला ड्यूटी से कार्यमुक्त कर दिया ‘नीरज’ जी पुनः अपने पुराने कार्यस्थल बांदा लौट गए है।
ज्ञातव्य है कि कभी न रूकने कभी न थकने वाले शख्स डा0नीरज की गिनती अच्छे कवियों में भी की जाती है। उनकीं 12 पुस्तकें विभिन्न विधाओं में प्रकाशित हो चुकी है। इनमें नाटक, बालगीत, श्रमिक शोध प्रबंध, श्रमिक महान खंडकाव्य शामिल है। डा0रसिक किशोर सिंह ने दो पुस्तकों का सम्पादन भी किया है। उन्हें देश के लगभग 36 जगहों से सम्मान व पुरस्कार भी प्राप्त हो चुकें है। इसके अलावा वह लगभग 30 वर्षो से आकाशवाणी व दूरदर्शन से भी जुड़े है यहां समय-समय पर उनकी रचनाओं का प्रसारण होता रहता है। लगभग हर क्षेत्र मेंअपनी पहचान बना चुके डा0रसिक जी महाकुंभ मेले की यादें समेटे भले ही बांदा वापस लौट गए हों पर वह कहते हैं कि प्रयाग की धरती व प्रयाग के लोंगो से उन्हें इतना लगाव तथा स्नेह मिला कि वह भुलाया नहीं जा सकता।
कवि हृदय ‘नीरज’ जी पूरे महाकुंभ मेले की महिमा को काव्य के रूप् में प्रकाशित करने को प्रयासरत हैं। इसके लिए वे रचनाएं संकलित कर रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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