१६ मार्च । गली कूचो मे लगे जगह जगह कडो के ढेर तथा बजबजाती नालियों से उत्पन्न मच्छरो का बढा प्रकोप लोग की नीद हराम कर रखी है ।
शरद ऋतु के उपरान्त ग्रीष्म ऋतु आगमन के साथ संव्रहृामक बीमारियों ने दस्तक देना शुरु कर दिया है ग्रामीण अंचल के गली कूचो कस्बा मार्केट व नगर क्षेत्रो मे गन्दगी का अम्बार है जहां नुक्कड चैराहे व सार्वजनिक स्थलो पर लगे कूडो का ढेर व बजबजाती नालियों से कीटाणु तथा मच्छरो के प्रजानन मे कई गुना इजाफा हो गया है ।
ज्ञातव्य हो कि पूर्व सरकार ने प्रत्येक राजस्व गांव में गन्दगी से निजात दिलाने व संव्रहृामक बीमारियोें के बढते प्रभाव को कम करने के उददेश्य से सफाई कर्मियों की नियुक्ति की । परन्तु कार्यरत अधिकतर सफाई कर्मी ग्रामीण अंचलो मे सफाई व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रखने की बात तो दूर अपने कार्यरत राजस्व ग्राम में कभी जाना मुनासिब नही समझते जबकि सरकार ने सफाई कर्मियों को कूडा ढोने वाले ठेलिया वर्दी झाडू व चूना मुहैया कराकर ग्रामीण अंचलो की स्वाच्छता पर जोर दे रखा है ।
सूत्रो के अनुसार सभी ब्लाक खण्डो मे अधिकतर सफाई कर्मी एडीओ पंचायत के इर्द गिर्द घूम कागजी कोरम पूरा करते है । जब कोई ग्राम प्रधान व क्षेत्रीय सम्भ्र्रन्ति व्यक्ति सफाई व्यवस्था की शिकायत करते है तब सम्बन्धित विभाग के अधिकारी झूठा अश्वासन देकर सफाई कर्मियों का बचाव करते है यथा स्थित स्वास्थ्य महकमा के अन्य कर्रि्मयों की है जो न तो किसी गांव मे मच्छरो व कीटनाशक दवाइयों का छिडकाव करते है और न बढ रहे संव्रहृामक बीमारियों का सही उपचार ।
ऐसे मे खसरा, मलेरिया, टाइफाइड आदि बीमारियां मच्छरो के काटने से लोग प्रभावित नही होते बल्कि समय से उपचार न होन पर अपने जान से भी हाथ धो लेते है । प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी मौन साध रखा है और सफाई व्यवस्था राम भरोसे होने से सरकारी दावे खोखले साबित हो रहे है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com