समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि समाजवादी पार्टी की सरकार बने 15 मार्च,2013 को एक साल पूरा हुआ है। एक साल की अल्प अवधि में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनावी वायदों को हकीकत में बदलने का काम किया। जन सामान्य ने अपने युवा और ऊर्जावान मुख्यमंत्री को भरपूर स्नेह और सम्मान दिया है। आगरा में जनवरी में सम्पन्न पार्टनर समिट ने उद्योगों के लिए बहुत आशाएं जगाई है। मुख्यमंत्री जी ने किसानों और खेती को बजट में 74 प्रतिशत स्थान दिया है और नौजवानों, मुस्लिमो, महिलाओं, व्यापारियों, वकीलों, शिक्षको के अलावा बुनियादी अवस्थापना सुविधाओं को प्राथमिकता दी है।
लेकिन जनता से तिरस्कृत और सत्ता खोने से बौखलाई बसपा अध्यक्षा सुश्री मायावती को हर मोर्चे पर सरकार असफल दिखाई दे रही है। उन्होने पूरे पांच साल झूठ और लूट के सहारे अपनी सरकार चलाई और जनता को जैसे ही अवसर मिला उसने बसपा की पूर्व मुख्यमंत्री को बाहर का रास्ता दिखा दिया। जनता के निर्णय को सिर माथे पर रखने की लोकतांत्रिक मर्यादा की सीख उन्हें नहीं आती इसलिए वे बराबर प्रदेश के 20 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं का अपमान करने पर तुली रहती है। उन्हें प्रदेश के विकास में भी खोट नजर आती है। अच्छा होता बसपा अध्यक्ष अपने पांच साल का रिपोर्ट कार्ड फिर पढ़ लेती तो उन्हें मालूम हो जाता कि जनता ने उन्हें क्यों फिर मुख्यमंत्री बनने के काबिल नहीं समझा और प्रदेश के शासन की बागडोर श्री अखिलेश यादव जैसे गतिशील नौजवान के हाथों में सौंप दी।
बसपा के पुराने हमसफर रहे भाजपा नेता तो सत्ता के नजदीक दूर-दूर तक खड़े दिखाई नहीं देते हैं। इसलिए वे भी निराश-हताश हंै और श्री अखिलेश यादव की बढ़ती लोकप्रियता से चिंतित हैं। वे नौजवानों को बेकारी भत्ता दिए जाने से नाराज हैं। उन्हें किसानों को दी जा रही रियायतें भी खलती हैं दरअसल, जाति और संप्रदाय की राजनीति करनेवालों को प्रदेश की प्रगति से चिढ़ है। वे यथास्थिति को बरकरार रखने के अभ्यस्त हैं।
समाजवादी पार्टी की सरकार ने मुस्लिमों की समस्याओं पर सर्वाधिक ध्यान दिया हैं। केन्द्र की कांग्रेस सरकार द्वारा गठित सच्चर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मुस्लिमो की हालत दलितों से बदतर है। श्री मुलायम सिंह यादव ने उन्हें आरक्षण देने की मांग संसद में पुरजोर ढंग से उठाई है। इस सम्बन्ध में समाजवादी पार्टी द्वारा केन्द्र सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। इसी तरह 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की सुविधाएं देने के लिए भी मुख्यमंत्री जी ने कदम उठाए हैं। अभी उन्होने कन्या विद्याधन, बेकारी भत्ता और निःशुल्क लैपटाप देकर युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने का सुनहरा अवसर दिया है। इसके लिए सब उनकी प्रशंसा कर रहे हैं तब कुछ ही ऐसे हैं जो जलभुनकर अनर्गल प्रलाप करने लगे हैं। उत्तर प्रदेश की बहादुर जनता ने उन्हें 2012 में सबक सिखाया है अब वह लोकसभा चुनावों में फिर से वहीं परिणाम दुहराएगी तभी इनके होश ठिकाने आएगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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