१३ मार्च । जनपद का नगर मुख्यालय जाम और रोडवेज की अराजकता से परेशान है जिस पर न प्रशासन का अंकुश है न ही क्षेत्रीय प्रबन्धक का ।
गौरतलब हो कि परिवहन निगम में भ्रष्टाचार और मनमानी कर्रि्मयों के सिर चढकर बोलती है । नगर के बस स्टैण्ड पर यात्रियों की सुविधा की बात ही बेमानी है न पेयजल न लघुशंकालय, दीर्घ शंकालय सभी पैसे से उपलब्ध कराया गया है । जबकि प्रतिदिन हजारो यात्रियों से यात्री सुविधा शुल्क प्रति टिकट लिया जाता है। यही नही रात्रि मे बस स्टैण्ड पर पर्याप्त मात्रा मे रोशनी तक नही रहती जिससे आये दिन यात्रियों के सामान गायब होते रहते है ।
वर्षो से क्षेत्रीय प्रबन्ध और दुकानदार केैन्टीन मालिक की सांठ गाठ से यात्रियों को घटिया स्तर के सामान का बाजार भाव से कई गुना वसूला जा रहा है । यही नही कैंटीन शौकीनो का मयखाना बन चुकी है मगर बोलने वाला कोई नही है । बसो की हालत यह है कि जनपद के छोटे छोटे स्थानो पर बसो की सेवाएं नही उपलब्ध कराई जाती बल्कि फोरमैन को सेट कर ज्यादातर बसे लखनउहृ कानपुर रुट पर चलाई जाती है ।
यही नही अनुबंधित बसो के ड्राईवर और कन्डेक्टरो की आपाधापी से निगम को भारी छति उठानी पडती है । बस स्टैण्ड पर हर समय बसे बाहर सडक पर ही सवारी बैठाती है जिसके चलते हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है मगर व्यवस्था नाम की चीज ही नही है ।
मनबढ व नसेडी ड्राईवर अब तो पैदल और बाईक सवारो की जान तक लेने लगे है बीते दिन दो नौजवानो की शहर के गभडिया ईलाके में रोडवेज के ड्राईवर ने जान बूढकर टक्कर मार दी जिसके चलते एक नौजवान को जान से हाथ धोना पड गया ।
सोचा जा सकता है कि रोडवेज के ड्राइवर अपने घंमड मे किसी को भी पास नही देते है यहां तक कि आपात मरीजो वाली एम्बुलेंस को भी साइड देना उचित नही समझते जहां सवारी ने हाथ दिया वही बस खडी कर दी जाहे पीछे जितना भी जाम लगे इन्हे कोई परवाह नही है कारण साफ है कि न तो इनकी मेडिकल जांच होती है न ही इनके खिलाफ पुलिस यातायात कर्मी और प्रशासन कोई कार्यवाही ही करता है ।
ज्यादातर ड्राईवर नसे के आदी है और पैसा देकर ड््यूटी कर रहे है यही हाल इनकी बसो का भी है । आफ रोड बसे भी रोडो पर धडल्ले से फोरमैन चलवा रहे है एक बस जो सुलतानपुर से अकबरपुर जाती है उसकी तो बाडी ही बीच से चिटकी है मगर है सरकारी इस कारण चल रही है जब कोई बडा हादसा होगा तो सरकारी होने के चलते कुछ होगा ही नही संभागीय परिवहन अधिकारी कभी भी इन बसो की न तो स्थिती देखते है न ही फिटनेस ने ड्राईवर का लाईसेंस न मेडिकल सब कुछ अंधेर गर्दी मे चल रहा है ।
यात्रियों ने परिवहन निगम के एम.डी. से ड्राईबर और बसो की आकस्मिक जांच की मांग की है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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