सन् 2012 के विधान सभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के मतदाताओं ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए समाजवादी पार्टी की सरकार बना दी। युवा और ऊर्जावान मुख्यमंत्री के रूप में 15 मार्च,2012 को श्री अखिलेश यादव ने शपथ ली। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में पांच वर्षो से व्याप्त जड़ता टूटी और एक नए विहान का आगाज हुआ।
श्री अखिलेश यादव को विरासत में खाली खजाना और भ्रष्ट प्रशासनतंत्र मिला था। प्रदेश में विकास अवरूद्ध था और जनता की गाढ़ी कमाई पत्थरों पर लुटाई जाती रही। प्रदेश की जनता ने बसपा राज के पांच सालों में प्रजातंत्र पर कुठाराघात का दुःखदायी नजारा देखा। उस राज में लोकतांत्रिक गतिविधियों को बर्बरता से कुचला गया। भय और आतंक के सहारे लूटतंत्र हाबी रहा। समाजवादी पार्टी की सरकार ने लोकतंात्रिक मूल्यों की पुनः स्थापना की।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव की समाजवादी सोच इस दिशा को समर्पित रही है कि सामाजिक विकास कुछ हाथों में सत्ता एवं ताकत के केन्द्रीकरण से नहीं वरन लोकतंत्र के सशक्तिकरण के माध्यम से होता है। उन्होने यह भी सीख दी कि वायदा हर हाल में निभाना चाहिए। वायदा खिलाफी भ्रष्टाचार है। उन्होने बताया कि शासन की तमाम योजनाओं का लाभ समाज के सबसे अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मिले, यही हमारा मूल संकल्प होना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने शपथग्रहण के दिन से ही वायदे निभाने और विकास का एजेन्डा बनाने का काम शुरू किया। उनके साल भर के कार्यकाल में प्रदेश की जनता को सकारात्मक परिवर्तन की अनुभूति हुई है। इस अवधि में मुख्यमंत्री जी ने किसानों के 50 हजार तक के कर्ज माफ करने, उनकी बंधक जमीन की नीलामी पर रोक लगाने तथा सरकारी ट्यूबवेल और नहर से मुफ्त सिंचाई की सुविधा देने और बेकारी भत्ता देने तथा कन्याधन की राशि पहले से बढ़ाकर देने के निर्णय लिए।
एक वर्ष के समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में तीन ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय हुए जिससे सरकार की संवेदनशीलता और विकास की प्रतिबद्धता के दर्शन हुए हैं। समाजवादी आंदोलन के महानायक डा0 राममनोहर लोहिया लाखों बदनसीब और उपेक्षित रिक्शा-चालकों की दशा पर बराबर चिंता जताते रहे थे। श्री मुलायम सिंह यादव भी आदमी द्वारा आदमी को ढोने की प्रवृत्ति को शर्मनाक मानते हैं। श्री अखिलेश यादव ने अतः रिक्शाचालकों की पीड़ा को समझते हुए 9 फरवरी,2013 को मोटर चालित रिक्शें बांटने का काम किया।
मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बढ़ती आबादी और यातायात के भारी दबाव को देखते हुए मेट्रो रेल परियोजना का भी उपहार दिया हैं। इससे लखनऊ की देश-विदेश के विकसित शहरों में गिनती होगी। लेकिन सबसे बड़ा काम मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने डा0 लोहिया और श्री मुलायम सिंह यादव के सपनों को पूरा करने का यह किया कि 11 मार्च,2013 को लखनऊ में 10 हजार छात्र-छात्राओं को लैपटाप दिए। प्रदेश में 15 लाख लैपटाप निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएगें। सामाजिक गैर बराबरी की समाप्ति और गरीब के बेटा-बेटी को भी शहरी सम्पन्नो के साथ प्रतियोगिता में उतारने की दिशा में यह क्रांतिकारी प्रयास है। युवा शक्ति के हौसलों को नयी तकनीक के इस संयोग से पंख लग गए है।
समाजवादी पार्टी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और सुरक्षा के नए मानक गढ़े है। भ्रष्टाचार पर रोक लगाई है। असाध्य रोगों के इलाज की निःशुल्क व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश में औद्योगिक माहौल बनाने की दिशा में आगरा में 27 से 29 जरवरी,2013 तक आयोजित पार्टनर समिट सफल रही जिसमें देश-विदेश के उद्यमी मौजूद रहे।
यद्यपि केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने मुस्लिमो की स्थिति पर सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्र आयोग का गठन किया था तथापि इनकी सिफारिशों पर उसने कोई कार्यवाही नहीं की। सच्चर कमेटी ने माना कि मुस्लिमों की हालत दलितो से बदतर है और उन्हें आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। श्री मुलायम ंिसह यादव ने संसद में कई बार सिफारिशें लागू किए जाने पर बल दिया। समाजवादी पार्टी सरकार ने मुस्लिमों को आरक्षण दिए जाने का समर्थन किया हैं। उनके हालत में सुधार के लिए कई कदम उठाए है। “पढ़े बेटियां, बढ़े बेटियां“ योजना में मुस्लिम लड़कियों की शादी तथा पढ़ाई के लिए 30 हजार रूपए एकमुश्त दिए जाने, मदरसों में आधुनिक शिक्षा की व्यवस्था, कब्रिस्तानों की चहारदीवारी का निर्माण, छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति, निःशुल्क प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग तथा हास्टल की सुविधा दी जा रही है।
राज्य के संसाधन में बढ़ोत्तरी और बेरेाजगारी का खात्मा उद्योग और कृषि की तरक्की से होता है। समाजवादी पार्टी ने वकीलो, शिक्षको और व्यापारी समूह के हितों की रक्षा के लिए अपने को हमेशा अगली कतार में रखा है। उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक विरासत, जैव विविधता एवं प्राकृतिक सम्पदा से परिपूर्ण है। पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण की अपनी विरासत को बचाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान है। समाजवादी पार्टी की सरकार ने पर्यावरण संतुलन और प्राकृतिक सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया है और वार्षिक बजट में इसके लिए पर्याप्त प्राविधान भी किए हैं।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर पूरा ध्यान है। ग्रामीण विकास के लिए अपने बजट में उन्होने पर्याप्त धनराशि रखी है। इसके साथ ही उन्होने ग्रामीणों की आय बढ़ाने के लिए भी योजनाएं बनाई है। छोटे-मोटे उद्योगों के जरिए अल्पवेतन भोगी वर्ग को बड़ी राहत मिल सकती है। पशुधन, मत्स्य, लघु उद्योग आदि के माध्यम से प्रदेश के कई क्षेत्रों के हालात में बदलाव लाये जाने की भूमिका बन रही है।
अभी कुछ दिन पहले राष्ट्रीय विकास परिषद, नई दिल्ली की बैठक में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने इस बात पर जोर दिया था कि दूसरी हरित क्रांति के लिए प्रदेश की 72 प्रतिशत जनसंख्या की रोजी,रोटी कृषि क्षेत्र के विकास से जुड़ी है। लेकिन देश के सबसे बड़े प्रदेश में कृषि बराबर उपेक्षित रही है। सिर्फ चैधरी चरण सिंह और श्री मुलायम सिंह यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में गांव-गरीब की उन्नति को प्राथमिकता में रखा। जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी की बहुमत की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने किसानों के हित की कई योजनाएं प्रारम्भ की। उन्होने प्रदेश में कृषि की विकास दर 4Û9 प्रतिशत का लक्ष्य निर्धारित किया है। 2013-14 के बजट में किसानो और गांवो के विकास मद में 74 प्रतिशत धनराशि रखी है।
उत्तर प्रदेश में ऐसी सरकार बनी है जो आम जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील भी है और ईमानदार भी है। उन्होने समाज के सभी वर्गो के हितों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई हैं। किसानों, बुनकरों, छात्रों,बेरोजगारों, वृद्ध, नौजवानों, मुस्लिमो, गरीब महिलाओं के साथ साहित्यकारों, खिलाडि़यों, कलाकारों को भी हित चिन्ता इस सरकार ने की है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास के एक नए मार्ग पर अग्रसर है। विकास को ठोस और समयबद्ध कार्यक्रमों की जमीन पर साकार रूप दिया जा रहा है। समाजवादी पार्टी का लक्ष्य योजनाओं का लाभ दूरगामी अंचलों तक पहुॅचाकर उत्तम प्रदेश का सपना पूरा करना है। विपक्षी दल एक साल सरकार के विरोध में अनर्गल प्रलाप करते रहे, झूठे आरोप लगाते रहे जबकि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जनहित के काम करते रहे। वे चुनावी वायदे पूरे करने मे लगेे रहे। प्रदेश को ऐसा मुख्यमंत्री मिला है जो आम आदमी के दर्द को समझते हैं। जनता इसके लिए उनकी मुक्त कंठ से सराहना कर रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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