उत्तर प्रदेश शासन द्वारा बालू, मौरंग, बजरी एवं बोल्डर के रिक्त क्षेत्रों को ई-टेण्डरिंग प्रणाली के माध्यम से परिहार पर स्वीकृत किये जाने के संबंध में दिनांक 31 मई, 2012 को जारी शासनादेश में आंशिक संशोधन करते हुये यह स्पष्ट किया गया है कि इस शासनादेश में जहाॅ-जहाॅ भी उप खनिजों एवं खनिजों का उल्लेख किया गया है, वहाॅ-वहाॅ पर इसका आशय यह है कि ’’नदी तल में अनन्य रूप से मिली-जुली अवस्था में पाई जाने वाली बालू या मौरंग या बजरी या बोल्डर या इसमें से कोई भी मिली-जुली अवस्था में हो।’’
इस संशोधन के संबंध में एक शासनादेश समस्त जिलाधिकारियों को प्रेषित कर दिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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