राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने सरकार को घेरते हुये कहा कि खैरात बांटने के लिए सरकार के पास पैसा है वहीं प्रदेष के किसानों को गेहूँ के समर्थन मूल्य पर बोनस देने के लिए खजाना खाली बताया जा रहा है जोकि सरासर किसानों के साथ धोखा है। किसान मंहगाई की मार से तड़फडा रहा है। जिससे प्रदेष के कई किसानों ने आत्महत्या की जिसका जीता जागता उदाहरण फर्रूखाद के आलू किसान द्वारा आत्महत्या है।
श्री चैहान ने आगे बताया कि मध्य प्रदेष के अलावा कई अन्य प्रदेषों की सरकारों ने गेहूं के खरीद मूल्य पर 250 रूपया बोनस देकर किसानों को मंहगाई से उबारने का काम किया जबकि उ0प्र0 सरकार किसानों के साथ सौतेला व्यवहार करते हुये गेहूँ की खरीद पर बोनस देने के लिए एक सिरे से खारिज कर दिया। राष्ट्रीय लोकदल, सरकार के इस कदम की घोर निंदा करता है जबकि डीजल, खाद, बिजली, पानी व कीटनाषक दवाओं की मंहगाई से गेहँू की उपज पर लगभग डे़ढ गुना लागत बढ चुका है। किसान हताषा और निराषा में जीने के लिए विवष है। प्रदेष की आबादी का लगभग 60 प्रतिषत किसान है जिसकी आमदनी का जरिया मात्र कृषि है ऐसी स्थिति में वह अपने बच्चों को षिक्षा परवरिष करने में असह्ाय पा रहा है। खेती पर लागत मूल्य बढने से किसान खेती छोड़ने पर विवष है। खेती की उपज को बढ़ाने के लिए बैेकों व साहूकारों से कर्ज के तले दिनप्रतिदिन दबता जा रहा है। कर्ज की अदायगी करने मेें असहाय महसूस कर आत्महत्या करने को विवष है।
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष प्रवक्ता प्रो0 के0के0 त्रिपाठी ने सरकार को आगाह करते हुये कहा कि किसानों के हितों को ध्यान मंे रखते हुये सरकार गेहूँ के समर्थन मूल्य पर 250 रूपये बोनस की घोषणा करें। राष्ट्रीय लोकदल का मानना है कि सपा सरकार ने छल करके किसानों का वोट तो ले लिया लेकिन किसानों को बोनस मूल्य देने के लिए ठेंगा दिखा दिया। आगामी लोकसभा चुनाव में इस मुदद्े को लेकर किसान सपा को मुंहतोड़ जवाब देगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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