ईको पर्यटन स्थल के चिन्हीकरण हेतु पर्यटन बोर्ड का गठन होगा
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री कुवंर आनन्द सिंह ने कहा है कि महानगरों के व्यस्त एवं तनाव पूर्ण जीवन में कुछ क्षण शान्तिपूर्वक व्यतीत करने का सर्वाधिक उपयुक्त अवसर ईको पर्यटन द्वारा ही संभव है। अतः आवश्यकता है कि समस्त राष्ट्रीय उद्यान, विभिन्न पक्षी विहारों को ईको पर्यटन के रूप में विकसित किया जाये।
कृषि मंत्री ने यह सुझाव आज इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, विभूति खण्ड, गोमती नगर में उत्तर प्रदेश वन विभाग द्वारा ‘‘उत्तर प्रदेश में ईको पर्यटन विकास एवं सम्भावनायंे’’ विषयक एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि ईको पर्यटन पर्यटकों को संरक्षण के महत्व पर शिक्षित करता है। इसके द्वारा स्थानीय लोगों के लिए आय स्रोतों का सृजन एवं क्षमता विकास भी होता है।
प्रदेश के जन्तु उद्यान राज्य मंत्री डा0 शिव प्रताप यादव ने कार्यशाला के निष्कर्षों का प्रस्तुतीकरण करते हुए बताया कि प्रदेश में ईको पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं इसके लिए ईको पर्यटन बोर्ड का गठन करके पर्यटन स्थलों को तत्परता से विकसित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय ईको पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए स्थानीय समुदाय के लोगों का सहयोग लिया जाये। जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए प्रमुख सचिव वन श्री वी0एन0वी0गर्ग ने कहा कि प्रदेश में ईको पर्यटन को बढ़ावा देने एवं उसके विकास के लिए विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। अधिसंख्या में ईको पर्यटन स्थलों का चिन्हीकरण का कार्य पूर्ण कर विकसित करने की कार्यवाही चल रही है। उन्होंने कहा कि आज आयोजित कार्यशाला में जो सुझाव आये हंै उन पर अमल किया जायेगा।
प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव डा0 रूपक डे ने बताया कि प्रदेश में चूका आरक्षित वन, शारदा सागर डैम के किनारे, पीलीभीत झादी ताल, किशनपुर वन्य जीवन विहार, पलिया, खीरी, गिरवा नदी के समीप के घास के मैदान, कर्तनिया घाट वन्य जीव बिहार, नानपारा तहसील, बहराइच, पिपरा, सुहेलवा वन्य जीव विहार, तुलसीपुर तहसील, बलरामपुर आदि ईको पर्यटक स्थल चिन्हित हंै। उन्होंने बताया कि ईको पर्यटक स्थलों को बढ़ावा देने के लिए संचार माध्यमों से प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि कृषि मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार श्री आनन्द सिंह एवं वन्य जन्तु राज्य मंत्री डा0 एस0पी0 यादव, प्रमुख सचिव वन श्री वी0एन0गर्ग, प्रमुख वन संरक्षक श्री जे0एस0अस्थाना, प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव डा0 रूपक डे, सचिव वन उत्तर प्रदेश शासन श्री पवन कुमार, प्रबन्ध निदेशक उत्तर प्रदेश वन निगम उमेन्द्र शर्मा ने प्रतिभाग किया। इसके लिए अलावा कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश से ईको पर्यटन से जुड़े अनुभवी विशेषज्ञों ने अपने विचार कार्यशाला में व्यक्त किये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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