महिला आंगन वाडी महिलाओं को सरकारी बंधुआ मजदूर समझा जाता है।

Posted on 08 March 2013 by admin

७ मार्च । जनपद का बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा महिला आंगन वाडी महिलाओं को सरकारी बंधुआ मजदूर समझता है । जब किसी भी सरकारी विभाग को जरुरत हो तुरन्त इन्हे डयूटी थमा दी जाती है वही जिला कार्यव्रहृम अधिकारी और परियोजना अधिकारी की भी प्रशासन की नजर मे कोई अहमियत और इज्जत नही है ये जिले के सभी विभागाध्यक्षो और आलाधिकारियों के हूकुम उदली को चैबीसो घंटे नत मस्तक रहते है और आर्डर मिलते ही किसी प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी की भांति आंगनवाडी महिला मजदूर तुरन्त सप्लाई कर देते है उसके एवज मे ये कभी नही सोचते कि इनकी नियुक्ति किस आधार और किसलिए की गई है या इनको सरकार क्या देती है ।
मानदेय का नौकर समझा जाता है मगर ये नौकर नही है ये योजना मे योगदान करने वाली समाज सेवी मात्र है वो भी चन्द घण्टो के लिए वो भी घर के आंगन मगर सरकार और विभाग इन्हे पूर्णतया अपना जर खरीद मजदूर मान जहां चाहा जिस विभाग ने मांगा उन्हे सौप दिया वो विभाग इनसे चाहे ८ घण्टे काम ले या १२ घण्टे इससे जिला कार्यव्रहृम अधिकारी और परियोजना अधिकारी को कोई मतलब नही । न इनके पारिश्रमिक से न इनके सुविधा से न इनके भविष्य से । आखिर ये अन्याय खुलेआम सरकार करा रही है । ये आज की बात नही है बीते ३३ वर्षो से यही हाल है ।
हैरत है कि जब सरकार को इन महिलाओं की इतनी ही जरुरत है तो उन्हे पूर्ण कालिक क्यो नही बनाती क्यो नही इनको वेतन भोगी बनाती जब अन्य बेतन भोगियों के साथ बराबर इनसे काम लिया जाता है तो इन्हे अन्य सरकारी कर्मी की भांति इन्हे वेतन क्यो नही दिया जाता । मात्र विदेशियों को दिखाने के लिए और वोट लेने के लिए ही सरकारे महिला हितैषी भाषण देती है मगर वास्तविकता देखनी हो तो महिला एवं बाल विकास विभाग को देखा जा सकता है ।
केन्द्र सरकार की योजना मे भी इंदिरागांधी मातृत्व लाभ मे पात्रो को तो लाभ दिया जा रहा है । मगर जो इनकी पात्रता विभाग तक पहुंचाते है उन आंगन वाडियों को बीते २ वर्ष से घोषित परिश्रमिक तक नही दिया गया इस पर न तो प्रदेश की परियोजना प्रबन्धक ध्यान देती है न कार्यव्रहृम अधिकारी इन्हे तो योजना की सफलता चाहिए वो भी बिना दाम दिये थे अन्याय और शोषण नही है तो क्या है क्यो नही महिला हितैषी सरकार बोलती है । यह दिखावा क्यो और कब तक ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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