07 मार्च माध्यमिक शिक्षा परिषद् उ0प्र0 2013 की हाईस्कूल व इण्टर की परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक संग अन्य अधिकारियों ने एक बैठक के दौरान केन्द्र व्यवस्थापकों एवं कक्ष निरीक्षकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये और और इस बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन एवं शुचिता बनाये रखने पर विशेष बल दिया। जिला विद्यालय निरीक्षक महेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि शासनदेश को सुचारू रूप से कार्यान्वित करने का पूर्ण उत्तरदायित्व केन्द्र व्यवस्थापकों पर है। कहा कि जिन व्यक्तियों की ड्यूटी लगायी जाय तथा ऐसे व्यक्ति केन्द्र व्यवस्थापक तथा कक्ष निरीक्षक कार्य हेतु सौंपे गये दायित्व का निर्वहन करने में आनाकानी करे तथा जानबूझकर अनुपस्थित हो तो ऐसे व्यक्तियों पर नियमानुसार कड़ी कार्यवाही की जाय। आगे कहा कि इस दौरान मोबाइल पर प्रतिबन्ध रहेगा और केवल केन्द्र व्यवस्थापक ‘साइलेन्ट‘ मोड में अपना मोबाइल रखेंगें, जिससे इमरजेंसी में आवश्यकता पड़ने पर काल कर सकें। परीक्षा के दौरान असामाजिक तत्वों से निपटने के लिए पूरी सहायता प्रदान की जायेगी।
इस दौरान नगर पुलिस अधीक्षक ने सभी को आश्वासन दिया कि यदि कहीं कोई नकल माफिया नकल कराने की कोशिश करता है तो इसके लिए सभी को थानों का नंबर दिया जायेगा, जिससे सम्पर्क कर सकते हैं। आवश्यकता पड़ने पर मुझे या जिला विद्यालय निरीक्षक तथा अपने उप जिला मजिस्ट्रेट को फोन से अवगत करा सकते हैं। कहा कि नकल कराने वालों को सीधे छः महीने के लिए अन्दर किया जायेगा। एडीएम प्रशासन ने कहा कि कहीं-कहीं पर केन्द्र व्यवस्थापक या कक्ष निरीक्षक स्वतः नकल कराते हैं और पकड़े जाने पर दुहाई देते हैं। इस बार यदि कहीं नकल करते पाया जायेगा तो उनको भी जिम्मेदार माना जायेगा। इसलिए आवश्यक है कि मुख्य द्वार पर विद्यार्थियों की कायदे से चेकिंग करने के उपरान्त ही अन्दर जाने दें।
जिला विद्यालय निरीक्षक ने इस दौरान सभी के प्रश्नों का जवाब भी दिया। अंत में पत्रकारों के बारे में पूछने पर कहा कि पत्रकारों का प्रवेश निषेध रहेगा। जिला सूचना कार्यालय से जिसका पास होगा वही अंदर जा सकेगा। बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक के अलावा नगर पुलिस अधीक्षक, एडीएम प्रशासन तथा कोरांव, मेजा, बारा के एसडीएम सहित शिक्षा विभाग संबंधित लोग मौजूद रहे। बैठक के दौरान एक प्रधानाचार्य ने कहा कि जब दबंगों का कहर टूटता है तो हम सभी भय से कांपने लगते हैं और हमारी सुरक्षा के लिए कोई नहीं आता। इस पर सभी अधिकारियों ने आश्वासन तो दिया अवश्य परन्तु यह कड़ुवा सच है कि घटना घटित होने पर पुलिस कई घंटे बाद ही पहुंचती है, या यह कह दिया जाता है कि मौके पर पुलिस फोर्स नहीं थी।एक प्रधानाचार्य ने पत्रकारों के प्रवेश के बारे में पूछा तो जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा कि कोई भी पत्रकार परीक्षा के दौरान अंदर नहीं जायेगा। इस पर दूसरे प्रधानाचार्य ने कहा कि पत्रकार ही सही मायने में हो रही घटनाओं को छापते हैं, यदि उन पर प्रतिबंध रहेगा तो मामला कैसे उजागर होगा। इस पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहा कि जिसके पास जिला सूचना कार्यालय का पास रहेगा वह प्रवेश कर सकता है। इस पर वह चुप हो गये। बहरहाल जिला विद्यालय निरीक्षक ने शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश से अवगत करा दिया, परन्तु होने वाली परीक्षाओं में क्या नकल माफियाओं पर अंकुश लग सकेगा
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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