5 मार्च, 2013। राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ नेता अनिल दूबे ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन द्वारा बिजली दरों में प्रस्तावित भारी वृद्धि को जनविरोधी करार देते हुये राज्य विद्युत नियामक आयोग से जनहित में इस प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग की। इस सम्बन्ध में श्री दूबे ने नियामक आयोग के अध्यक्ष को पत्र भी लिखा।
आयोग के अध्यक्ष को लिखे पत्र में श्री दूबे ने कहा है कि पाॅवर कारपोरेशन अपने घाटे को पूरा करने के लिए प्रदेश की जनता पर मनमाने ढंग से बिजली दरें। बढ़ने का प्रस्ताव आयोग को भेजा है। जो कि किसी भी दशा में न्यायोचित नहीं है। इस वृद्धि से समाज के कमजोर किसान छोटे कुटीर उद्योगों तथा मध्य वर्गीय व्यक्ति की कमर तोड़ कर रख देगा तथा पहले से अर्थ व्यवस्था से तंग आम आदमी का जीना दूभर हो जायेगा।
श्री दूबे ने शहरी क्षेत्रों में उपयोग की जाने वाली बिजली दरों के नये प्रस्ताव को हास्यास्पद बताते हुये कहा कि सप्लाई के समय को आधार मानकर बिजली दरें वसूलने का प्रस्ताव पूर्णतः असंवैधानिक है। उपभोक्ताओं से प्रयोग बिजली का बिल लिया जाना चाहिए न कि सप्लाई के घण्टो के आधार पर।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की सपा सरकार ने अपने घोषणा पत्र में प्रदेश की किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा किया था और सरकार बनने के बाद उससे विपरीत कृषि क्षेत्र में भी उपयोग की जाने वाली बिजली के दामों में वृद्धि का प्रस्ताव पाॅवर कारपोरेशन से कराकर किसानों के साथ विश्वास घात किया है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित दरों का पुरजोर विरोध किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com