मिटता जा रहा है धरती माता का श्रृंगार ।

Posted on 05 March 2013 by admin

सुलतानपुर ५ मार्च । हर थके  मुसाफिर की थकान पेडो की छांव मिटाती है, अहसान फरामोशी मेरी इन पर आरे चलवाती है । आखिर हमारा प्रशासनिक अमला वृक्ष धरा के भूषण करते दूर प्रदूषण जैसी इबारत सार्वजनिक स्थानो पर लिखवाकर साबित क्या करना चाहता है जबकि यही बचे खुचे धरा के भूषण प्रशासनिक तंत्र की मिलीभगत से आये दिन वन माफियाओ और ठेकेदारो द्वारा उजाड दिये जा रहे है ।
एक तरफ तो हम पृथ्वी को धरती माता की संज्ञा देते है और दूसरी तरफ इसी माता का श्रृंगार मिटाने मे लग गये है या मिटता हुआ देख रहे है । ये बात सर्वविदित है कि पूरे जिले मे हरे पेडो के कटान पर प्रतिबंध लगा हुआ है फिर भी आये दिन समाचार पत्रो मे अवैध कटान की खबरे शासन प्रशासन धता बताती हुई  प्रकाशित हो रही है ।
अब तो शायद एक ही चारा है, जो है जनसामान्य की जागृति यदि जन सामान्य जागृत हो उठे और अपनी आवाज बुलंद करे इस अप्राकृतिक कार्य के विरोध मे क्योकि ये हरे पेडो के कटान की विकट समस्या किसी एक सीमित क्षेत्र की ना होकर पूरे जिले की समस्या है ।
कुछ तथ्यात्मक बातो पर गौर किया जाय तो एक आम राय कायम करना ज्यादा आसान होगा  जैसा कि हमारे जयसिंहपुर संवाददाता का कहना है कि इस ब्लाक मे पुलिसिया मिली भगत से एक सूखे पेड का परमीशन लेकर दसियो हरे पेड़ काट दिये जा रहे है ।
वही कादीपुर संवाददाता ने बताया कि जिस तरह इस ब्लाक के अंतर्गत लगभग सभी गांवो मे पेडो की अवैध कटान जारी है इससे कुछ ही दिनो मे पक्षियो को घोषला बनाने के लिए पेड नही मिलेगा ।
धनपतगंज ब्लाक के संवाददाता ने ज्यादा कुछ न कहते हुए सिर्फ इतना बताया कि पेडो का अवैध कटान यूं ही जारी रहा तो हमे सिर्फ किताबो मे पेडो की तस्वीर दिखाई देगी ।
कुडवार ब्लाक के संवाददाता ने खुलासा करते हुए बताया कि हरे पेडो की अवैध कटान के पीछे वन विभाग और पुलिस वालो का हाथ है वही लम्भुआ ब्लाक के संवाददाता के अनुसार प्रतापपुर कमैचा इत्यादि गांव ऐसे है जहां वन माफिया, ठेकेदार और पुलिस की सांठ गांठ इतनी मजबूत है कि नियमो कानूनो को धता बताते हुए अवैध कटान निर्बाध रुप से चलती रहती है । कहां तक बताया जाय सारे जिले की यही दशा है ।
चंद पैसो के लालच मे लोग एक ऐसी प्राकृतिक सम्पदा को विलुप्त करने मे जी जान से जुट गये है जिसका अस्तित्व अनादिकाल से लेकर आज तक चला आ रहा है । जबकि आप सब जानते है कि हमारी प्र्राणवायु आक्सीजन जो हम सांस द्वारा ग्रहण करते है वो इन्ही वृक्षो से हमे प्राप्त होती है ।
हमारे सांस द्वारा निकाली गई हानिकारक कार्बन डाई आक्साइड गैस का अवशोषण इन्ही वृक्षो की अवैध कटान जारी है उससे वृक्षविहीन धरती की डरावनी और दुरूखद कल्पना साकार होती दिखाई दे रही है । जिसको हमने घर का पहरेदार बनाया वही चोरी करवा रहा है। जाग जाइये वरना बहुत देर हो जायेगी ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in