भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि प्रदेश में जंगलराज की स्थिति है। सत्तारूढ़ दल के माननीय लगातार कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन रहे है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि प्रदेश के वातावरण को अराजकता और सांप्रदायिकता की जद में ले जाने की लगातार कोशिश हो रही हैं। भाजपा इन विषयों को लेकर शीघ्र ही महामहिम राज्यपाल से मिलेगी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी कल 5 मार्च को कुण्डा(प्रतापगढ़) तथा टाण्डा(अम्बेडकर नगर) जायेंगे।
प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर संवादाताओं से सोमवार को चर्चा करते हुए विजय बहादुर पाठक ने कहा कि पूरे प्रदेश में असमंजस और अनिश्चित्ता के वातावरण के कारण अधिकारी निर्णय नही ले पा रहे है। अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए सत्तारूढ़ दल के लोग सुनियोंजित तौर पर प्रदेश को साम्प्रदायिकता की आग में झोकना चाहते है। टाण्डा(अम्बेडकरनगर) में रविवार को देर शाम रामबाबू गुप्ता की हत्या की गई। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पूर्व मंत्री लल्लू सिंह, पूर्व विधायक त्रिवेणीराम समेत अन्य नेताओं को प्रशासनिक रजामंदी के तहत अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अनुमति दी गई, साथ ले गये, पर जैसे ही शव यात्रा शुरू हुई उपद्रवी तत्वों ने पत्थरबाजी कर माहौल को साम्प्रदायिक रूप देने की कोशिश की जिससे स्थिति अराजक हो गई। प्रशासनिक लापरवाही के कारण स्थिति अनियंत्रित हुई और इस अखिलेश यादव सरकार में एक और शहर कफ्र्यूग्रस्त की श्रेणी में आ गया। इस पूरे प्रकरण में स्थानीय सत्तारूढ़ दल के विधायक हाजी अजीमुल हक(पहलवान) की भूमिका संदिग्घ रही है। श्री रामबाबू गुप्ता की हत्या प्रशासन और सत्तारूढ दल के विधायक के गठजोड का परिणाम है। पार्टी मांग करती है कि पूरे मामले की सीबीआई से जांच करायी जाये। पीडि़त परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से 25 लाख रूपयें के राहत राशि प्रदान की जाये। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी कल टाण्डा जायेंगे।
उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल के माननीयों द्वारा आम जन के साथ र्दुव्यहार करना आम बात हो गई है। इलाहाबाद में सिविल लाइन्स जैसे पांश इलाके में स्थानीय सभासद के घर में घुसकर सपा की विधायिका विजमा यादव ने सभासद सहित परिवार के अन्य लोगों को पीटा और अराजकता की स्थिति का निर्माण किया। मुकदमा पंजीकृत हुआ। आखिर ऐसी कौन सी परिस्थितियां उत्पन्न हो रही है जिनके कारण सत्तारूढ़ दल के इन माननीयों को कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेनी पड़ रही है। क्या इन्हें अखिलेश यादव सरकार से न्याय की उम्मीद नही है जो खुद ही न्याय करने पर उतारू है ?
श्री पाठक ने कहा कि कुण्डा प्रकरण में प्रशासनिक लापरवाही रही। सत्ता के दबाव में अधिकारी असमंजस में थे जिस बेरहमी से सी.ओ. को मारा गया उस हृदयविदारक घटना ने सरकार के ईकबाल पर सवाल खड़े कर दिये है। हर घटना की तरह सरकार इस मामले में भी देर से जागी है। इस संवेदनहीन सरकार को मातमपुरसी कराने के लिए भी जनदबाव बनाना पडता है। उसी जनदबाव में मुख्यमंत्री देवरिया गए। पार्टी का मानना है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस पूरे प्रकरण में कानून को अपना काम करने दे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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