जीवन में मां का स्थान सर्वोपरि होता है । श्री मद भागवत कथा सुनने व सुनाने दोनो से इच्छित फल की प्राप्ति होती है । यह बातें अलीगंज बाजार के निकट लंगड़ी गांव मे आयोजित श्रीमदभागवत कथा के दौरान कही ।
अलीगंज के लंगड़ी गांव में आयोजित ७ दिवसीय संगीतमय कथा के प्रथम दिन कथा ब्यास श्री पवन नन्दन जी ने कथा का महात्म्य श्रवण कराया जिसमें धुंधकारी और गोकर्ण दोनो भाइयो के चरित्र पर प्रकाश डाला ।
कथा ब्यास ने बताया कि श्रीमदभागवत कथा सुनने व सुनाने दोनो से फल की प्राप्ति होती है कहा कि धुंधकारी ऐसे भाई को गोकर्ण जैसे भाई ने श्रीमदभागवत की कथा सुनाकर प्रेत योनि से मुक्ति दिला दिया । आगे कहते हुए आचार्य जी ने बताया कि माता पिता का सर्वोपरि स्थान है । उन्होने कहा कि एक मां अपने पुत्र को चोट लगने पर अपनी एक आंख पुत्र को देकर कुरुपवती हो गयी जिससे पुत्र अपनी मां को जीवन भर कुरुप मानता रहा और माता की मृत्यु के पश्श्चात जब उसे यह बात मां द्वारा लिखे पत्र के माध्यम से जानकारी मिली तो उसने बहुत प्रायश्श्च्ति किया ।
कथा के पश्श्चात उपस्थित लोगो ने भगवान की आरती उतारी और प्रसाद ग्रहण किया ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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