समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि या तो सच्चर कमेटी की सिफारिशें केन्द्रीय स्तर से लागू की जायेगी, नहीं तो केन्द्र से कांगे्रस सरकार को हटना पड़ेगा। सच्चर कमेटी की स्थापना केन्द्र सरकार ने की पर उसकी मुस्लिमों को आरक्षण दिए जाने की सिफारिशें ठंडे बस्तेें में पड़ी है। आजादी के 65 वर्ष बाद भी मुसलमानों की हालत दलितों से बदतर है, इसके लिए कंागे्रस ही जिम्मेदार है।
श्री यादव झूलेलाल पार्क, लखनऊ में आयोजित समाजवादी अल्पसंख्यक जागरूकता सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन को वरिष्ठ मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव, श्री अहमद हसन, श्री फरीद महफूज किदवई, श्री राजेन्द्र चैधरी तथा डा0 अशोक बाजपेयी, श्री नफीस अहमद, दादा मियाॅ मजार के फरहत मियाॅ ने संबोधित किया। सम्मेलन में 01 लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ थी। एक तरह से यह सम्मेलन की जगह रैली हो गई थी। सम्मेलन की अध्यक्षता हाजी रियाज अहमद ने की और संचालन श्री मुनीर अहमद खाॅ ने किया। सिखों ने भी नेताजी को सम्मानित किया।
श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि तालीम, हिफाजत और रोजी की बुनियादी जरूरतों से मुस्लिम समाज को कांगे्रस ने महरूम किया है। समाजवादी पार्टी ही उर्दू जबान और मदरसों की चिंता करती है। मुस्लिमों के कब्रिस्तानों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार चहारदीवारी बनवा रही है। मुस्लिम बहुल इलाकों में तालीम की व्यवस्था हो रही है। समाजवादी पार्टी उनकी हिफाजत में कतई कोताही नहीं करेगी।
श्री यादव ने इस बात पर गहरा रोष जताया कि उन्हें ही आतंकवादी बताया जाता है, जिन्होंने हिन्दुस्तान को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। मुस्लिमों केा बदनाम करने की साजिशें होती हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के नाम पर प्रदेश की समाजवादी सरकार ने एक भी मुस्लिम नौजवान नहीं फंसाया है। भारत की व्यवस्था संविधान के अनुसार ही चलनी चाहिए। कुहासा छंटना चाहिए। भरमाने वाली बातें बंद होनी चाहिए। कोई भी बेगुनाह मुसलमान जेल में नहीं रहेगा।
श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार मुसलमानों की अपनी सरकार है। युवा मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने संतोषप्रद बजट दिया है। मुसलमानों के हितोें का इसमें ध्यान रखा गया है। उन्होंने भाजपा के संबंध में कटाक्ष करते हुये कहा कि मैने संसद में कहा था कि भाजपा बाबरी मस्जिद, धारा 370 और मुस्लिमों के प्रति अपने रवैये में बदलाव की घोषणा करें, मगर अगर भाजपा यह सब छोड़ देगी तो उसके पास बचेगा क्या ? नेता जी ने किसानों, बुनकरों तथा नौजवानों तथा मुसलमानों के हक की हर लड़ाई लड़ने का भरोसा दिलाया।
वक्ताओं ने सम्मेलन में कहा कि समाजवादी पार्टी और नेता जी ने ही हमेशा मुस्लिमों के हित में काम किए हैं। मुस्लिमों के आरक्षण और सच्चर कमेटी तथा रंगनराथ मिश्र आयोग की रिर्पोटों को लागू करने की माॅग भी उन्होंने ही उठाई है। बाबरी मस्जिद की शहादत और अदालत के फैसले पर नेताजी ने ही मुसलमानों का साथ दिया था। सांप्रदायिक ताकतोें के खिलाफ मुसलमान एकजुट होकर नेताजी के साथ रहेंगे। समाजवादी सरकार में मुसलमानों के साथ राज्य में अन्याय नहीं हो सकता है। सम्मेलन में राजनीतिक आर्थिक प्रस्ताव श्री स्याद अली ने प्रस्तुत किया। आजाद अहमद और रामीष जौनपुरी ने अपना कलाम पेश किया।
सम्मेलन में सर्वश्री भगवती सिंह, श्रीमती जरीना उस्मानी, स्याद अली, अनीस मंसूरी, मौलाना जफर मसूद किछौछवी, जावेद अंसारी, रूश्दी मियाॅ, मो0 एबाद, कमाल फारूखी, आरिफ अनवर हाशमी, बुनियाद हुसैन अंसारी, आबिद रजा खॅा, शाह आलम, सरदार सुरेन्द्र सिंह, हाजी इकराम कुरैशी, हैदर अली खाॅ टाइगर, भिखू शील सागर, फादर एन्टोनी, सरदार गुरदयाल सिंह, डा0 एस0के0 जैन, राजा नसीम, आजाद अहमद, सैयद शकील, कादिर खाॅ, हाफिज इल्तफाक, राजा जलील, आसिम वकार, आफताब आलम आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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