उत्तर प्रदेश राजकीय अभिलेखागार, संस्कृति विभाग व भारत सरकार के राष्ट्रीय अभिलेखागार के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख समिति के 60 वें दो दिवसीय एकेडमिक सत्र में 20 तथ्यपरक शोधपत्र प्रस्तुत किये गये।
निदेशक अभिलेखागार श्रीमती रूबीना बेग ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एकेडमिक सत्र में राष्ट्रीय अभिलेखागार, विभिन्न राज्यों के अभिलेखागारों, विश्वविद्यालयों एवं प्रतिष्ठित संस्थाओं के 39 विद्वानों ने भाग लिया। सत्र में 20 तथ्यपरक शोध पत्र प्रस्तुत किये गये। उन्होंने बताया कि जिन विद्वानों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये उनमें डा रबीन्द्र भारती विश्वविद्यालय कोलकत्ता के डा0 हितेन्द्र कुमार पटेल, उदयपुर सेे प्रोफेसर मीना गौर, जम्मू एवं काश्मीर से डा0 जिगर मोहम्मद प्रोफेसर, कालीकट से प्रोफेसर अशोक मुंडन, बिहार से श्रीमती शारदा शरन, डा0 जवाहर लाल वर्मा, निदेशक अभिलेखागार, बिहार श्री विजोय कुमार, महाराष्ट्र से डा0 चन्द्रकांत अभंग, श्री एस.एम.भवे, मुंबई से डा0 जोन दास, निदेशक अभिलेखागार, असम श्री धर्मेश्वर सोनवाल, नई दिल्ली से श्री टी0 हसन, श्री देवेन्द्र कुमार शर्मा व डा0 मानस राजन मिश्र, पश्चिमी बंगाल से डा0 आनंद भट्टाचार्य, श्री अनूप कुमार सरकार, नई दिल्ली से श्री जाकिर हुसैन, वाराणसी से श्री प्रभाकर जुहारी तथा निदेशक अभिलेखागार, उत्तर प्रदेश श्रीमती रूबिना बेग ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये।
श्रीमती बेग ने बताया कि इस अवसर पर महानिदेशक, राष्ट्रीय अभिलेखागार, प्रो0 मुशीरूल हसन व गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पी0के0शर्मा की पुस्तक Situating Benaras in the 19 th Century*-An Era of Transition in the Banaras Region 1795.1850 का विमोचन भी किया गया। उन्होंने बताया कि भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष विषयक अभिलेख प्रदर्शनी का अयोजन किया गया। जनसामान्य के लिए यह प्रदर्शनी 6 मार्च तक प्रातः 10ः00 बजे से 5ः00 बजे तक खुली रहेगी। प्रतिदिन अपरान्ह 3ः00 बजे से 5ः00 बजे तक उत्कृष्ट फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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