बजट से मंहगाई झेल रहा आम आदमी निराश हुआ है कहते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि शेयर बाजार की गिरावट से इस बजट का स्टेटस समझना चाहिए।
डा0 बाजपेयी ने कहा कि यह श्रंगारिक बजट है जिसमें नौजवान, किसानों, मजदूरो, गृहणीयों, छोटे उद्यमियों के लिए भी कुछ नही है। सारे बजट भाषण में सरकार समस्या गिनाती रही जबकि जनता की उम्मीद सरकार से समस्या हल की होती है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पैटोलियम विभाग में रंगराजन समिति की रिर्पोट को लागू करने की घोषणा से सीएनजी, पीएनजी गैस दोगुनी मंहगी हो जायेगी एवं गैस से उत्पादित होने वाली बिजली मंहगी हो जायेगी। जिसका असर उद्योग, घर के खर्चे, सहित सभी आवश्यक वस्तुओं पर पड़ेगा। साथ ही साथ लगभग 18 हजार करोड़ के नए टैक्स लगाएं गए है जिससे मंहगाई बढे़गी।
डा0 बाजपेयी ने कहा कि इस बजट से अर्थव्यवस्था में वृद्धि नही होगी। सरकार का विकास दर बढाने का दावा आंकडो की बाजीगरी है जबकि पिछले वित्तिय वर्ष के विकासदर, राजकोषिय घाटा, राजस्व संग्रह के लक्ष्य भी पूरे नही हुए है। वही 50 लाख रूपये के सम्पत्ति के खरीद-बेच पर 1 प्रतिशत का टी.डी.एस ये बताता है कि सरकार अब जमीन-दलाली पर उतर आयी है। उन्होंने कहा इस बजट से मंहगाई पर नियंत्रण नही होगा। वेतनभोगी मध्यम वर्गीय लोगों के लिए बजट में कुछ नही दिया गया है। टैक्स में उन्हे उम्मीद थी कि छूट की सीमा 3लाख कर दी जायेगी। किन्तु सरकार ने उनको किसी तरह की छूट नही दी और दूसरे तरीके से जेब से पैसे निकालने का इंतजाम कर लिया है। बजट को देखकर लगता है कि यूपीए के भ्रष्टाचार एवं मंहगाई के खिलाफ भाजपा की अगुवाई में जिस तरह से मध्यम वर्ग सड़क पर उतरा उससे सरकार ने इस वेतन भोगी वर्ग को अपना दुश्मन मान लिया है क्योंकि उसे लगता है कि सरकार के खिलाफ उतरा यह वर्ग यूपीए के साथ नही रहेगा जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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