समग्र भूजल प्रबन्धन हेतु एक्यूफर मैपिंग एवं एक्यूफर आधारित प्रबन्धन के राष्ट्रीय कार्यक्रम को प्रदेश में प्राथमिकता पर योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सिंचाई, पेयजल, औद्योगिक व शहरी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु भूजल संसाधनों पर उत्तरोत्तर बढ़ती निर्भरता के दृष्टिगत उसके विवेकपूर्ण उपयोग, विनियमित दोहन एवं उनके प्रभावी संरक्षण हेतु प्रदेश में भूजल प्रबन्धन, वर्षा जल संचयन एवं भूजल रिचार्ज हेतु ‘समग्र नीति’ लागू की गई है। यह नीति तात्कालिक प्रभाव से लागू होगी।
सचिव सिंचाई लघु एवं भूगर्भ जल श्री एस0 के0 द्विवेदी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि भूजल विकास एवं दोहन की विद्यमान प्रकिया के स्थान पर अब भूजल प्रबन्धन के सिद्धान्त को लागू करने की आवश्यकता है। भारत सरकार के योजना आयोग द्वारा 12 वीं पंचवर्षीय योजना के संदर्भ में ‘सस्टेनेबल भूजल प्रबन्धन’ पर गठित कार्यकारी दल ने अपनी रिपोर्ट में ‘राष्ट्रीय भूजल प्रबन्धन कार्यक्रम’ की परिकल्पना को अवधारित करते हुए सम्पूर्ण देश में भूगर्भ जल संसाधनों के समेकित नियोजन, अनुश्रवण एवं प्रबन्धन पर बल दिया है। इसके अंतर्गत पूरे देश में एक्यूफर मैपिंग एवं एक्यूफर आधारित प्रबन्धन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए भूगर्भ जल संसाधनों के समेकित नियोजन, अनुश्रवण एंव प्रबन्धन पर बल देते हुए भूगर्भ जल संसाधनों को नीतिगत निर्णयों, कार्यक्रमों एवं योजनाओं में सम्मिलित करने को कहा गया है।
श्री द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश में भूजल प्रबन्धन, वर्षा जल संचयन एवं भूजल रिचार्ज हेतु निर्धारित समग्र नीति के तहत भूगर्भ जल संसाधनों का विनियमित दोहन तथा अनुकूलतम एवं विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्ति करने के लिए एक्यूफर मैपिंग एवं एक्यूफर आधारित प्रबन्धन के राष्ट्रीय कार्यक्रम को प्रदेश में प्राथमिकता के आधार पर योजनाबद्ध तरीके से ‘सहभागी प्रबन्धन’ के सिद्धान्त के आधार पर लागू किया जायेगा। साथ ही भूजल सम्वर्धन कार्यक्रम को वृहद स्तर पर एकीकृत रूप से लागू किया जायेगा तथा अतिदोहित/क्रिटिकल विकासखण्डों को समयबद्ध रूप से सुरक्षित श्रेणी में लाया जायेगा। इसी प्रकार सतही-जल एवं भूजल के संयोजित उपयोग को प्रभावी ढंग से लागू किया जायेगा। संकटग्रस्त भूजल क्षेत्रों में जल उपयोग की कुशल विधाओं को लागू करते हुए भूजल प्रबन्धन, नियोजन एवं संरक्षण में रिवर बेसिन/वाटर शेड अप्रोच को प्राथकिता प्रदान की जायेगी।
सचिव लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल ने बताया कि ‘समग्र नीति’ के तहत प्रदूषित भूजल स्रोतों को चिन्हित कर प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षित जलापूर्ति सुनिश्चित की जायेगी तथा विभिन्न सम्बन्धित विभागों द्वारा भूजल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्यक्रमों को सहभागी प्रबन्धन के आधार पर समन्वित एवं एकीकृत ढंग से लागू किया जायेगा। भूजल प्रबन्धन के लिए प्रभावी विधिक ढांचे की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी तथा शोध एवं प्रशिक्षण के साथ जन जागरूकता को बढ़ावा दिया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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