कुंभ नगरी में स्थापित अस्थाई होम्योपैथिक चिकित्सालयों में आने पर अन्य पैथी से कराये गये इलाज, नाकाम होने पर, होम्योपैथिक चिकित्सा से तमाम रोगी ठीक हुए है। जिला होम्योपैथिक अधिकारी डा0 विनोद सिंघल ने बताया कि उनके अस्पतालों में ऐसे हजारों मरीज आये है जिनको एलर्जी व एलर्जिक कफ की बीमारी थी और होम्योपैथिक इलाज से ठीक हो गये हैं। उन्होंने बताया कि कुंभ में ज्यादातर बुजुर्ग श्रद्धालु/कल्पवासी ही आते हैं और उनकी इस उम्र में ज्यादातर उदर विकार, स्वाष की बीमारी, गठिया, पेशाब आदि की बीमारी हो जाती है। होम्योपैथिक अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या काफी रही है और रोगी होम्योपैथी इलाज से ठीक होकर गये है। नये रोगी जो आ रहे है उनमें भी उक्त पुराने रोग के साथ-साथ त्वचा संबंधित रोग नाक, कान, गला, दांत आंत, पथरी, चोट सर्दी, जुकाम, बुखार व अन्य पेट संबंधी रोगों से संबंधित हैं। बारिश के बाद सर्दी, जुकाम, बुखार के काफी रोगी आये थे जिन्हे इलाज करते हुए ठीक किया गया। उन्होंने बताया कि पैरालाइसिस के भी कुछ रोगी आये जिनका इलाज किया गया और वे एक सप्ताह में ठीक होकर चले गए। उन्होंने बताया कि होम्योपैथिक इलाज पर श्रद्धालुओं/कल्पवासियों का काफी विष्वास है। लोग अस्पतालों में आते है और इलाज से ठीक होकर जाते है फिर पड़ोसियों को भी बताते है और आने पर उनका भी इलाज किया जाता है। उन्होंने बताया कि अब तक 4 लाख 15 हजार लोगों का इलाज विभिन्न अस्पतालों द्वारा किया गया है।
संगम नगरी में प्रतिदिन लाखांे श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा है यहां आने वाले श्रद्धालुओं जो अपने आपको शारीरिक रूप से असहज महसूस करता है वह कुंभ मेला क्षेत्र में स्थापित अस्थाई चिकित्सा केन्द्रों की तरफ रूख करते हैं। चाहे एलोपैथ चिकित्सा केन्द्र हो या आयुर्र्वेिदक हो या फिर होम्योपैथ। होम्योपैथी चिकित्सा केन्द्र पर मेले में आने वाले श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों को राहत पहुँचाने के उद्देष्य से होम्योपैथिक विभाग द्वारा कुंभ मेला क्षेत्र के प्रत्येक सेक्टर मंें रोगियों के उपचार हेतु होम्योपैथिक चिकित्सालयों की व्यवस्था की गई है। जहां लोग अपना इलाज करा रहे है। इन अस्पतालों में साधू-सन्तों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं को होम्योपैथिक इलाज कराने में ज्यादा रूचि है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com