- वी.वी.आई.पी. हेलीकाप्टर खरीद घोटाला की संयुक्त संसदीय समिति (जे.पी.सी.) से जाँच कराने की बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व बी.एस.पी. संसदीय दल की चेयरपर्सन सुश्री मायावती जी की माँग।
- अलग तेलंगाना राज्य की माँग पूर्णतः जायज, इस माँग को भी तत्काल स्वीकार करने की सुश्री मायावती जी की केन्द्र सरकार से माँग।
- यू.पी.ए. सरकार के अन्तिम बजट सत्र में राष्ट्रपति महोदय का आज का संसद के संयुक्त सत्र को सम्बोधन केन्द्र सरकार का लेखा-जोखा, जो अत्यन्त ही निराशाजनक।
- संसद का सत्र सुचारू व शान्तिपूर्वक चलाकर एस.सी./एस.टी. कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण, राष्ट्रीय खाद््य सुरक्षा, लोकपाल व भूमि अधिग्रहण आदि जनहित व राष्ट्रीय हित के लम्बित पड़े विधेयकों को शीघ्र पारित करने की यू.पी.ए. व एन.डी.ए. से बी.एस.पी. की जोरदार अपील।
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, बी.एस.पी संसदीय दल की चेयरपर्सन व राज्यसभा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने केन्द्र में कांग्रेस के नेतृृत्व में चल रही यू.पी.ए. की सरकार में अब तक हुये अनेकों घोटालों के साथ-साथ वर्तमान में अभी हाल ही में हुये एक और नये वी.वी.आई.पी. हेलीकाप्टर खरीद-फरोख्त घोटाले को भी अति गम्भीरता से लेते हुये इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जे.पी.सी.) से जाँच कराने की माँग की है।
संसद के बजट सत्र के आज पहले दिन संसद परिसर में मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब देते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि रक्षा सौदा से सम्बन्धित वी.वी.आई.पी. हेलीकाप्टर खरीद-फरोख्त घोटाला काफी संगीन है, जिसका पर्दाफाश इटली में हुआ है, जहाँ की सरकार वहाँ के दोषी लोगों को सजा दिलाने के लिये कानूनी तौर से प्रयत्नशील है। परन्तु यहाँ अपने देश में रिश्वत लेने वाले लोगों के खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्यवाही की जरूरत है और इस सम्बन्ध में सी.बी.आई की जाँच से विभिन्न राजनीतिक पार्टियाँ संतुष्ट नहीं लगती हैं। इस कारण, इस मामले की जे.पी.सी. से जाँच आवश्यक हो गया है, ताकि सभी पार्टियों के लोग मिलकर जनता के सामने दूध का दूध और पानी का पानी कर सकें।
एक अन्य प्रश्न के जवाब में सुश्री मायावती जी ने कहा कि दक्षिण राज्य आन्ध्र प्रदेश को विभाजित कर अलग ‘‘तेलंगाना’’ राज्य स्थापित करने की माँग जायज है, जिसके लिये वहाँ के लोग काफी लम्बे समय से संघर्ष व आन्दोलनरत हैं। बी.एस.पी. की माँग है कि अलग तेलंगाना राज्य के साथ-साथ देश के अन्य भागों में और भी जहाँ अलग राज्य की स्थापना की जो जायज माँगें उठ रही हैं, उस पर भी केन्द्र सरकार को, वहाँ की स्थिति बिगड़ने से पहले ही, काफी गम्भीरता व सहानुभूतिपूर्वक विचार करके कानूनी व संवैधानिक कार्यवाही पूरी करनी चाहिये।
एक अन्य सवाल के जवाब में बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी ने बताया कि सरकार और प्रतिपक्ष दोनों का यह परम दायित्व बनता है कि वे सदन को शान्तिपूर्वक व सुचारू रूप से चलायें। वैसे भी एस.सी./एस.टी. कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण, राष्ट्रीय खाद््य सुरक्षा, लोकपाल विधेयक, भूमि अधिग्रहण कानून आदि जनहित व राष्ट्रीय महत्व के कई महत्वपूर्ण विधेयक सदन में लम्बित पडे़ हैं, जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर कानून बनाकर देश में लागू कराने की जन अपेक्षायें हैं। इस सम्बन्ध में सत्ता व प्रमुख प्रतिपक्ष, दोनों को गम्भीर होना चाहिये।
महिलाओं की सुरक्षा से सम्बन्धित अध्यादेश के सम्बन्ध में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में सुश्री मायावती जी ने कहा कि यह एक संवेदनशील मामला है और इस सम्बन्ध में विधेयक को जल्द से जल्द कानून बनाकर इस पर प्रभावी ढंग से अमल करने की आवश्यकता है। इस सम्बन्ध में संसद में बहस के दौरान आने वाले सुझावों के प्रति यू.पी.ए. सरकार को सकारात्मक रूख अपनाते हुये, उन्हें प्रस्तावित कानून में अवश्य ही शामिल करना चाहिये ताकि यह कानून ज्यादा से ज्यादा लाभप्रद हो सके।
साथ ही संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर बी.एस.पी. की प्रतिक्रिया के सम्बन्ध में पूछे गये एक अन्य सवाल के जवाब में सुश्री मायावती जी ने कहा कि राष्ट्रपति महोदय का अभिभाषण वास्तव में केन्द्र सरकार की गतिविधियों से सम्बन्धित एक लेखा-जोखा होता है, जो काफी निराशाजनक है। इस अभिभाषण में देश के लोगों में काफी उम्मीद जगाने की कोशिश की गयी है, लेकिन इसका कोई लाभ देश की आम जनता को नहीं मिलने वाला है। वैसे भी केन्द्र की यू.पी.ए. सरकार का अन्तिम बजट आने वाला है, जिसके आधार पर ही केन्द्र सरकार की नीति व कार्यक्रमों के सम्बन्ध में सही प्रतिक्रिया दी जा सकती है। परन्तु इस सरकार के सम्बन्ध में अब तक का अनुभव काफी निराशाजनक रहा है।
इतना ही नहीं, बल्कि राष्ट्रपति जी के आज के इस अभिभाषण से लोगों में काफी निराशा है, क्योंकि यू.पी.ए. सरकार की तरफ से उसमें कोई नयी बात नहीं कही गयी है। ऐसी बातें उनकी सरकार के मंत्री पहले से लगातार कहते रहे हैं। साथ ही, यू.पी.ए. सरकार को जनता में ‘‘विश्वास की कमी’’ की घोर संकट का सामना है, क्योंकि उसकी नीतियाँ ज्यादा से ज्यादा ‘‘गरीब-विरोधी व पूँजीपति-समर्थक’’ रही हैं।
इसके अलावा, कांगे्रस की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश में बड़े पैमाने पर फैली महंगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार आदि के महत्वपूर्ण मुद्दों पर केवल चिन्ता ही जतायी गयी है, जो देश के भुक्तभोगी लोगों की मुसीबत दूर करके उन्हें संतुष्ट करने के लिये बिलकुल भी सही नहीं है, बल्कि यह बहुत मायूस करने वाला है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि यह सही है कि ‘‘एक महत्वाकांक्षी भारत (Aspirational India) का उदय’’ जरूर हो रहा है, परन्तु उनके जोेश, उनकी ऊर्जा और उनके उद्यम को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिये भारत को जो ‘‘मजबूत व जुझारू राजनैतिक नेतृृत्व व ठोस नीति’’ की आवश्यकता है वह ना तो कांग्रेस के नेतृृत्व वाली यू.पी.ए. के पास है और ना ही बी.जे.पी. के नेतृृत्व वाली एन.डी.ए. के पास ही नजर आता है।
विभिन्न टेªड यूनियनों द्वारा देशभर में की जा रही दो दिन की हड़ताल के सम्बन्ध में पूछे गये एक प्रश्न के जवाब में सुश्री मायावती जी ने कहा कि केन्द्र सरकार की उनकी माँगों के प्रति उदासीनता के कारण ही उन टेªड यूनियन कर्मचारियों व श्रमिकों को हड़ताल करने पर मजबूर होना पड़ा है। केन्द्र सरकार को चाहिये कि उनकी जायज मांगों को तत्काल स्वीकार करे। साथ ही, उन्हें दिये गये आश्वसनों को भी पूरी ईमानदारी से अमल करे।
साथ ही सुश्री मायावती जी ने हड़़ताल कर रहे लोगों व उनके समर्थकों से भी जोरदार अपील की है कि वे किसी भी स्थिति में हिंसा में शामिल नहीं हो और देश में शान्ति व अमन-ओ-अमान बनाये रखें।
उत्तर प्रदेश को नोएडा क्षेत्र में बन्द के दौरान कल हुई हिंसा व तोड़-फोड़ की घटनाओं की तीव्र निन्दा करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि यह राज्य सरकार की लापरवाही का नतीजा था, राष्ट्र व निजी सम्पतियों की भारी हानि हुई, जिसकी उच्च-स्तरीय जाँच होनी चाहिये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com