शासकीय कार्यालयों तथा अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए
जिलाधिकारी ने दिये 25 बिंदुओं के निर्देश
जनपद के समस्त शासकीय कार्यालयों में जनहित व परिणामदायक कार्य संस्कृति विकसित करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी जुहेर बिन सग़ीर ने सभी अधिकारियों को 25 बिन्दुओं के निर्देश जारी कर जन समस्याओं के निराकरण हेतु संवेदनशीलता एवं त्वरित गति से कार्य करने के निर्देश दिये हैं।
जिलाधिकारी व्दारा जारी परिपत्र में स्पष्ट किया गया हैं कि सभी अधिकारी शासनादेशानुसार प्रातः 10 बजे से 12 बजे स्वयं बैठकर जनता की समस्याओं की सुनवायी एवं निराकरण सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि माननीय जनप्रतिनिधियों का सम्मान किया जायें। यदि सम्भव हो तो कार्य का निस्तारण तत्काल किया जाये अन्यथा निर्धारित समय सीमा के अन्तर्गत कार्य करते हुए उसकी सूचना आवेदक को आवश्यक रूप से दी जायें।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये हैं कि तहसील दिवस में प्राप्त प्रार्थना पत्र व शिकायती पत्रों का विलम्बतम 10 दिन में प्रत्येक दशा में निस्तारण सुनिश्चित किया जायें। शिकायतकर्ता से उसका फोन अथवा मोबाइल नं0 हस्ताक्षर के नीचे अवश्य अंकित किया जाये।
वेशभूषा के संबंध में भी निर्देश जारी करते हुए जिलाधिकारी ने अपेक्षा की है कि कार्यालय में साफ एवं शालीन वेशभूषा में रहं,े खुले बटन अव्यवस्थित पोशाक तथा जीन्स आदि न पहनें। शालीनता एवं सफाई का विशेष ध्यान रखा जायें। सरकारी कार्यालयों में पान, गुटखा, तम्बाकू इधर-उधर न थूके इसके लिए डस्टबिन रखी जायें। कार्यालय को धूम्रपान निषेध बनायें, न स्वयं बीडी पीये और न दूसरों को पिलायें। साथ ही कार्यालयों के शौचालयों में पर्याप्त पानी व सफाई व्यवस्था का समुचित प्रबंध हो। सभी अधिकारी अपने कार्यालय में सफाई व्यवस्था सुदृढ़ रखें।
जिलाधिकारी ने संबंधित कार्यालय ज्ञाप के माध्यम से सभी अधिकारियों को निर्देशित किया हैं कि वह प्रातः 10 बजे कार्यालय में उपस्थित हों तथा अधीनस्थों की भी उपस्थिति सुनिश्चित कराये। अधिकारी अपने नाम एवं पदनाम की पट्टिका बनवाकर टेबिल पर रखें तथा अपने कक्ष के बाहर भी लगवा दें ताकि लोगों को संबंधित अधिकारी अथवा कर्मचारी को अनावश्यक न ढूंढना पडे साथ ही कार्यालय के मुख्य व्दार के पास अंकित किया जायें कि कौन सा कार्यालय किस तल पर तथा कौन-कौनसी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। बोर्ड पर अधिकारी एवं कर्मचारियों के फोन नंबर भी अंकित हों।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये हैं कि अधिकारी एवं कर्मचारी जब भी कार्यालय छोडे तो पंखे, बल्ब, ट्यूब लाइट, कूलर, ए0सी0, कम्प्यूटर तथा बिजली के अन्य उपकरणों को बंद कर दें। अनावश्यक तौर पर विधुत उपयोग न करें न ही शौचालय के नल की टोटियां खुली छोडें। कार्यालय परिसर को हराभरा रखा जायें और आवश्यकतानुसार वृ़क्ष लगाये जायें। अर्दली, ड्राइवर व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अपनी-अपनी निर्धारित पोशाक में रहें और यदि सम्भव हों तो अपने नाम की नेमप्लेट लगाकर रखें।
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देशित किया हैं कि सभी अधिकारी एवं कर्मचारी शासनादेशों के अनुसार ही पत्रावलियों का निस्तारण अधिकतम 04 दिन के अंदर अवश्य करें। किसी भी टेबिल पर पत्रावली लंबित न रखी जायें। विभाग में प्राप्त होने वाली डाक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से रिसीव न करा कर कार्यालय में कार्यरत लिपिक से रिसीव करायी जायें और इस हेतु संबंधित लिपिक को उत्तरदायी बनाया जायें।
कार्यालय ज्ञाप में स्पष्ट किया गया हैं कि सभी शासकीय कर्मचारी आचरण संहिता का भलीभांति अनुपालन करें। प्रार्थना पत्रों के निस्तारण की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें तथा विकास कार्यांे का आकस्मिक निरीक्षण करायें। इसी प्रकार पत्रावलियों का रख रखाव ठीक से कराया जायें। किसी भी एक विषय अथवा प्रकरण के संबंध में एक ही पत्रावली प्रारम्भ की जायें। पत्रावली रजिस्टर बनाया जाये तथा अल्मारियों में रखी पत्रावलियों का पूरा विवरण अल्मारी के अंदर चस्पा रहे जिससे संबंधित पत्रावली आसानी से ढूंढी जा सके।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिये हैं कि कोई भी अधिकारी अथवा कर्मचारी अवकाश स्वीकृत कराये बिना मुख्यालय न छोडे तथा अपने विभागीय सी0यू0जी0 मोबाइल अथवा सम्पर्क नम्बर को किसी भी दशा में स्वीच आफ न करें। आकस्मिक स्थिति में मुख्यालय छोडने पर उनके विशेष कार्याधिकारी के मोबाइल नम्बर पर वार्ता कर एवं एस0एम0एस0 के माध्यम से सूचित अवश्य करायें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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