लखनऊ: 20 फरवरी, 2013
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिए हैं कि दुग्ध उत्पादकों को अच्छी नस्ल के पशु खरीदने हेतु ब्याज रहित ऋण की व्यवस्था की कार्ययोजना आगामी 15 दिन के अन्दर बनाकर प्रस्तुत की जाए। योजना में पशुपालन में रूचि रखने वाले तथा पूर्व से ही पशुपालन का कार्य कर रहे ऐसे पशुपालकों को चयन में वरीयता दी जाए, जिनके पास पशुपालन के लिए कम से कम 02 एकड़ भूमि अवश्य हो। चयनित लाभार्थियों को पशुपालन विभाग द्वारा उन्नत पशुपालन तकनीकी में प्रशिक्षण भी प्रदान कराया जाए।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में मा0 मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुपालन में ब्याजमुक्त ऋण योजना के अन्तर्गत कामधेनु डेयरी की स्थापना के सम्बन्ध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उच्च उत्पादक क्षमता के गोवंशीय एवं महिषवंशीय नर एवं मादा पशुओं का उत्पादन कराने के साथ-साथ पशुओं के दुग्ध उत्पादन क्षमता में बढ़ोत्तरी करने के दृष्टिकोण से योजना बनायी जाए। उन्होंने कहा कि ऐसी इकाइयों को उत्कर्ष केन्द्र (सेन्टर आॅफ एक्सीलेन्स) के रूप में विकसित कराने के साथ-साथ रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जायें।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री योगेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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