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समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश मे बदनाम

Posted on 19 February 2013 by admin

19, विक्रमादित्य मार्ग, लखनऊ
दिनांक-18.02.2013
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि बसपा अध्यक्षा सुश्री मायावती और राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष श्री अजित सिंह दोनों में इस बात का साझा हो गया है कि उन्हें राजनीति को अपने स्वार्थ के लिए प्रयोग करना और जनता को गुमराह करना है। दोनों का उत्तर प्रदेश के विकास से कुछ लेना देना नहीं है उल्टे समाजवादी पार्टी सरकार जिस विकास के एजेन्डा को लेकर चल रही है, उसमें रोड़े अटकाना और उसे बदनाम करना है। इन दोनों ही नेताओं के अवसरवादी चरित्र से जनता वाकिफ है। इसीलिए उत्तर प्रदेश में उनकी कोई राजनीतिक जमीन नहीं बची है। उसी बौखलाहट में ये ऊलजुलूल बयानबाजी पर उतारू है।
उत्तर प्रदेश के संबंध में उक्त दोनों नेताओं की चिन्ता इसलिए समझ से बाहर है कि दोनों ही अब दिल्लीवासी हो गए हैं। न अजित को किसानो की चिन्ता है और न बसपा को दलितो की। बल्कि दोनों ने इनके साथ धोखा किया है। पूरे पांच साल तक उत्तर प्रदेश में बसपा का राज रहा। किसानों की जमकर उपेक्षा हुई। उनकी फसलें बर्बाद हुईं तो आत्महत्या तक को कई किसान मजबूर हो गए। दलित महिलाओं और किशोरियों पर अत्याचार हुए। थाने में बलात्कार हुए। लूट और वसूली से प्रदेशवासी कराह उठे। रालोद अध्यक्ष और उनकी पार्टी को तब उत्तर प्रदेश के पीडि़तजनों की याद नहीं आई। किसानों की लड़ाई लड़ने से वे किनाराकशी करते रहे। बढ़ते अपराधों की खिलाफत करने की हिम्मत भी नहीं जुटा सके। समाजवादी पार्टी ने प्रदेश के किसानों, गरीबों, वंचितों, महिलाओं और अल्पसंख्यको की लड़ाई लड़ी। जनता ने उसे सम्मान दिया, सत्ता में पहुॅचाया।
सुश्री मायावती अब अपनी विकास विनाश यात्रा का विस्तार करना चाहती हैं। उत्तर प्रदेश को बर्बाद करने के बाद अब वे दिल्ली और दूसरे राज्यों को बर्बाद करने का इरादा घोषित कर रही हैं। महाराष्ट्र में कहा कि वहां बसपा को सत्ता मिली तो उसे भी यूपी की तरह बना देगी। यूपी की चलती चीनी मिलों को बेच देने, उद्योगधंधों को चैपट कर देने, विकास को अवरूद्ध कर पत्थर की प्रतिमाओं, पार्को, स्मारकों पर जनता की गाढ़ी कमाई लुटा दी। उसी तर्ज पर लगता है अब महाराष्ट्र की बर्बादी का प्लान भी उन्होने तैयार कर लिया है।
लेकिन सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक यह है कि उनको अब लालकिला भी ख्वाब में दिखने लगा है। प्रदेश में सत्ता से बाहर हुई, संसद में फिसड्डी रही, प्रदेशवासियों के सुख-दुःख में साथ देने के बजाए दिल्ली में आराम फरमाने चली गई, ऐसे में पता नहीं किसने उनमें प्रधानमंत्री बनने का भ्रम जगा दिया। देश की राजनीति में अभी भी सेवा और समर्पण की मान्यता हैं। स्वार्थसाधन और सत्ता की लूट के लालची बसपा और रालोद नेता कभी जनसमर्थन की उम्मीद नहीं कर सकते है। अपने कारनामों से उत्तर प्रदेश को बदनाम करनेवालो को प्रदेश की जनता आगामी लोकसभा चुनावों में फिर धूल चटाएगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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