लखनऊ 18 फरवरी।
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि उ0प्र0 के किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुये गेहूँ के समर्थन मूल्य के साथ दो सौ रूपया प्रति कुन्तल बोनस का भुगतान करें। मध्य प्रदेष की सरकार ने किसानों को गेहूँ के समर्थन मूल्य में सौ रूपया प्रति कुन्तल का भुगतान कर चुकी है।
श्री चैहान ने बताया कि उ0प्र0 के किसानों के लिए खेती दिन प्रतिदिन अलाभकारी होती जा रही है क्योंकि डीजल, बिजली, पानी, खाद व मजदूरी लगभग डेढ़ गुना बढ़ चुका है जिससे किसान खेती को छोड़ता जा रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण है कि पूर्वांचल के किसानों की गन्ने की खरीद फरोख्त में बिचैलियों का बोलबाला बढ़ता जा रहा है। पेड़ी गन्ने की खरीद अभी तक मिल मालिकों ने किसानों से नहीं की है जिससे गेहूँ की बुआई किसान नहीं कर पायें। गन्ना मिल मालिक गन्ना अन्य क्षेत्रों से बिचोलियों से मंगाकर खरीद रहे हैं जबकि मिल क्षेत्र क्षेत्र के किसानों का गन्ना खेतों में खड़ा है जिससे प्रदेष में गेहूँ की बुआई का क्षेत्रफल घट गया है जिसका कुप्रभाव गेहूँ की पैदावार पर पडे़गा जिसकी भरपाई सरकार किसानों को दो सौ रूपया प्रति कुन्तल बोनस के रूप में भुगतान करें जिससे प्रदेष के किसानों को राहत मिल सके।
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष प्रवक्ता प्रो0 के0के0 त्रिपाठी ने बताया कि सपा सरकार ने सत्ता में आने से पूर्व प्रदेष के किसानों से वादा किया था कि सरकार की प्राथमिकता में किसानों का हित होगा जबकि सरकार मिल मालिकों से सांठगांठ करके प्रदेष के किसानों को दोनों हाथों से लूट रही हैं। किसान बेकारी, बेबसी, के दौर में अपने को ठगा महसूस कर रहा है। मिल मालिक किसानों के गन्ने के भुगतान में उदासीन रवैया अपनायें है जिसका नतीजा है कि प्रदेष के किसानों का आज तक लगभग 40 हजार करोड़ रूपया मिलों पर बकाया है। सरकार भी मिल मालिकों पर किसानों के गन्ने के मूल्य के भुगतान की कार्यवाही करने से भाग रही है जिससे किसानों में भारी असंतोष व्याप्त है। प्रदेष में चैतरफा अराजकता का माहौल है तथा सरकार भ्रष्ट मंत्रियों, नौकरषाहों पर रोक लगाने में नाकाम है। प्रदेष के मुख्यमंत्री नौजवानों को चुनाव के समय बेरोजगारी भत्ता व लैपटाॅप देने का वादा किया था जो अभी तक पूरा नहीं हुआ। अभी अभी बेरोजगार षिक्षकोें से भारी भरकम फीस के रूप में सरकार ने करोड़ों रूपया वसूली की। सरकार की लापरवाही से मामला कोर्ट में लग्बित है जिसका खामियाजा प्रदेष के बेरोजगार षिक्षकों पर पड़ रहा है साथ ही साथ करोड़ों बच्चे षिक्षा के अधिकार से वंचित हो रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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