इलाहाबाद 18 फरवरी
कुम्भ मेला क्षेत्र में रिक्शा चालकों एवं विक्रम चालकों की लाटरी निकल आयी है रेलवे स्टेशन सहित आदि स्टेशनों एवं बस अडडों पर जाने के लिए मन माफिक किराया ले रहे है। श्रद्वालु मजबूर वश उनके मांगे गये किराये पर ही संतुष्ट होकर जा रहे है। मेला क्षेत्र में आने या जाने के लिए जेब में खाने पाने के लिए पैसा भले न हो लेकिन किराया देने के लिए पैसा रखना जरूरी है। कब कौन रिक्शावाला या विक्रम वाला क्या किराया मांग बैठे यह कोई नही जानता। रिक्शा वाले मेला क्षेत्र से बाहर निकलने के लिए पचास से सौ रूपये तक मांग रहे है और मजबूरन श्रद्वालुओं को यह किराया देना पड रहा है। यदि आपकों इलाहाबाद रेलवे स्टेशन रामबाग रेलवे स्टेशन प्रयाग स्टेशन सिविल लाइन्स बस अडडा या अस्थायी रूप से बने बस अडडे पर जाना है तो रिक्शे वालों की चांदी ही चांदी है। ऐसे स्थानों पर जाने के लिए पूरा रिक्शा लेंगे तो ढाई सौ रूपये और प्रति सवारी डेढ सौ रूपये तक वसूले जा रहे है। उसके बाद रिक्शे वालों को नखर भी सहनेे पड रहे है। भीड या चढाई मिल गयी तो किराये बढाने के साथ साथ कुछ दूर पैदल भी चला दे रहे है। यही हाल विक्रम चालकों का है फिलहाल विक्रम चालक प्रति सवारी के हिसाब से नही चल है। अगर आपकों को कह जाना है तो पूरी विक्रम बुक कराना जरूरी है। दाम सुनकर होश उड जाते है लेकिन मजबूरी है कि विक्रम चालकों के अनुसार ही चलना पडेगा। पांच सौ से उनकी शुरूआत होती है चाहे रेलवे स्टेशन जाना हो या फिर आनन्द भवन या अन्य तीर्थस्थल हो।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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