निकायों के विकास की गति बढ़ाने के लिये प्रदेश भर से जुटे नगर पालिका व नगर पंचायत अध्यक्षों ने गहन मंथन किया। रविवार को राजधानी के कैपिटल सेन्टर में आयोजित स्थानीय निकाय निर्वाचित अध्यक्षों के प्रान्तीय प्रतिनिधि संगम का शुभारम्भ पूर्व महापौर डाॅ. दाऊजी गुप्ता, वरिष्ठ समाजसेवी डाॅ. नीरज बोरा, हाजी इफ्तेखार अहमद अंसारी आदि ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। आयोजन के द्वितीय सत्र में उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय अध्यक्ष संगठन की आधारशिला रखी गयी तथा सर्वसम्मति से जितेन्द्र कुमार गुप्ता को प्रदेश अध्यक्ष चुना गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए लखनऊ के पूर्व महापौर डा. दाऊजी गुप्त ने स्थानीय निकायों की ऐतिहासिकता पर प्रकाश डालते हुये बताया कि दुनिया के विकसित देशों में नगर की पुलिसिंग और न्याय व्यवस्था में भी उन्हें अधिकार प्राप्त है। यह सुविधा हिन्दुस्तान में प्राप्त होनी चाहिये। गांवों की पंचायत व्यवस्था में जमीदारों के अधिकारों को छीनकर ग्राम सभा इकाइयों को तो समृद्ध किया गया लेकिन नगरीय व्यवस्था में यह लागू नहीं हुआ जो शीघ्र लागू होना चाहिये।
डा. नीरज बोरा ने कहा कि स्थानीय निकायों के सम्पूर्ण विकास के अधिकार मिलने चाहिये। उन्होंने बताया कि 1991 के संविधान संशोधन के माध्यम से भारत सरकार ने निकायों को जिन अधिकारों से नवाजा है लेकिन अभी भी उत्तर प्रदेश में यह लागू नहीं हुआ है। संविधान की धारा 240 में प्रदत्त अधिकारों के तहत चिकित्सा, शिक्षा, कर निर्धारण और संग्रह के सम्पूर्ण अधिकार निकाय अध्यक्षों का है। हमें संघर्ष करके इसे कार्यान्वित करा है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लेकर विविध योजनाओं तथा निकाय में कर्मचारी की नियुक्ति व स्थानांतरण का अधिकार निकाय अध्यक्षों को प्राप्त होना चाहिये।
उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय अध्यक्ष संगठन के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार गुप्ता ने कहा कि 74वें संशोधन विधेयक को लागू कराने, निकायों की समृद्धि तथा नगर पालिका व नगर पंचायत अध्यक्षों को प्रभूत अधिकार दिलाये जाने की दिशा में व निरंतर कार्य करेंगे। गांव से शहरों की ओर हो रहे पलायन के कारण नगर निकायों की जनसंख्या के भारी दबाव का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि शहरी विकास के कार्यों को प्राथमिकता देने के लिये वह केन्द्र व राज्य सरकार का समुचित ध्यानाकर्षण करायेंगे।
सम्मेलन में निकायों की विभिन्न समस्याओं पर चर्चा हुई। अधिशासी अधिकारियों सहित निकायों में रिक्त सभी पदों को तत्काल भरे जाने, एक ही स्थान पर जमें निकाय कर्मचारियों के स्थानांतरण की नीति बनाने, नगर विकास विभाग द्वारा लखनऊ में अतिथिगृह बनाने, नगर विकास के लिये विशेष आर्थिक पैकेज दिये जाने तथा निकायों में सुचारू विद्युत आपूर्ति व्यवस्था आदि विषयों पर सरकार के ध्यानाकर्षण का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हुआ। नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने अतिशीघ्र कार्यकारिणी घोषित कर अप्रैल माह प्रांतीय अधिवेशन कराने की घोषणा की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नगर पालिका परिषद टांडा के अध्यक्ष हाजी इफ्तेखार अहमद अंसारी ने कहा कि निकाय अध्यक्ष जनअपेक्षाओं को तभी पूरा कर पायेंगे जब उनके पास समुचित संसाधन और अधिकार होंगे। उन्होंने कहा कि नवगठित संगठन को इस दिशा में विशेष कार्य करना होगा।
कार्यक्रम का संचालन इंजीनियर श्री प्रकाश वर्मा ने किया। अंत में नगर पंचायत भिनगा के अध्यक्ष अजय आर्य ने सभी आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। सम्मेलन में वरिष्ठ समाजसेवी असीम कुमार पाण्डेय ’बिश्शू पाण्डेय’, नगरपालिका परिषद सहारनपुर के अध्यक्ष खुर्शीद मंसूरी, उन्नाव के पालिकाध्यक्ष मनोज गुप्ता, पलिया कला के पालिकाध्यक्ष केवी गुप्ता, रूदौली के पालिकाध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता, नेहनौन पालिकाध्यक्ष, रशीद अहमद, सण्डीला पालिकाध्यक्ष शैलेष अग्निहोत्री, भरिवारी के संजय गुप्ता, खैराबाद के हनीफ अंसारी, भरतगंज इलाहाबाद की यासमीन खान, रसूलाबाद की ऊषा गुप्ता, तिन्दवारी की ब्रजेश सिंह पटेल, बुलंदशहर खानपुर के खालिद जमील, मुसाफिर खाना ब्रजेश कुमार, शामली के उदयवीर सिंह, सिधौली गंगाराय, सलेमपुर की दमयंती यादव, महमूदाबाद के मो. रहमद, कठौरी के पारस जैन, सिराथू के राजेन्द्र कुमार उर्फ भोला यादव, श्वार-रामपुर नगरपालिका के अध्यक्ष सालिक अहमद अंसारी, मऊ पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल, महोली सीतापुर के दिनेश गुप्ता, गुलावटी के नुसरत जहां, बदायूं की पुष्पा देवी, कासगंज के श्याम सुंदर गुप्ता, मेंहदावल के मोतीलाल जायसवाल, गोपामऊ के हाजी करीमुल्ला, काकोरी के सुशील कुमार, इटौंजा के पवन गुप्ता, बक्शी तालाब की सुमन रावत, घिरौर मैनपुर के अनिल मिश्रा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर प्रदेश के समस्त मंडलों की भागीदारी रही।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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