आयुष पद्धति की केन्द्रीय परिषदों के प्रतिनिधियों ने सरकार से राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिषन के अन्र्तगत कार्यरत आयुष चिकित्साधिकारियों एलोपैथिक चिकित्साधिकरियों के समान वेतन देने की माँग की है।
केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के सदस्य डा0 अनुरुद्ध वर्मा एवं सी0सी0आई0एम0 के सदस्य डा0 पी0सी0 चैधरी ने बताया कि मिषन के अन्र्मगत प्रदेष में 2008 से आयुष चिकित्सकों की तैनाती प्रारम्भ हुई थी। प्रारम्भ में आयुष एवं एलोपैथिक चिकित्साधिकारियो का वेतन रु. 24000 प्रतिमाह था बाद में एलोपैथिक चिकित्साधिकारियों का वेतन तो बढ़ाकर 36000 रुपया प्रतिमाह कर दिया गया परन्तु आयुष अधिकारियों के वेतन में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई जिससे उनमें ऊपेक्षा का भाव व्याप्त है।
उन्होने बतािया कि दोनो पद्धतियों के चिकित्साधिकरियों का कार्य एवं दायित्व समान है इस लिए समान कार्य के लिए समान वेतन के प्राकृतिक सिद्धान्त को ध्यान में रखते हुये आयुष चिकित्सकों का वेतन भी एलोपैथिक चिकित्साधिकारियों के वेतन के बराबर 36000 रुपये प्रति माह किया जाना चाहिए।
उन्होने कहा कि आयुष पद्धतियां राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिषन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है तथा जनता में आयुष पद्धतियों की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है इस लिए आयुष पद्धतियों एवं आयुष चिकित्साधिकारियों को अधिक प्रोत्साहन दिया जाना चहिए जिससे प्रदेष में सभी को स्वास्थ्य का संकल्प पूरा करने में आयुष पद्धतियों का पूरा-पूरा योगदान प्राप्त हो सके। उन्होने आयुष पद्धति के चिकित्सकों का नवीनीकरण हर वर्ष करने के वजाय पाँच वर्ष पर करने की मांग की
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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