17 अति पिछड़ी जातियों को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव द्वारा अनुसूचित जाति का दर्जा देने को लेकर राष्ट्रीय निषाद संघ के युवा प्रदेश अध्यक्ष कुँवर सिंह निषाद ने राजनैतिक ड्रामेबाजी बताते हुए मुलायम सिंह यादव और सपा की नीयत पर सवाल उठाया है
श्री निषाद ने कहा है कि निषाद, कश्यप, जातियों को पहले से ही मझवार, तुरिहा, मल्लाह, गौड़ के नाम से अनुसूचित जाति का दर्जा प्राप्त है। जिसे 1993 में सपा, बसपा की संयुक्त सरकार ने अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्रों पर रोक लगवा दी गयी, तब से लेकर 20 वर्ष के इस कालखण्ड में सपा और बसपा चुनावी मौसम आते ही इन बिरादरियों को गुमराह करने लगते है और यह समय विरोधी पार्टी पर हमला करने का अच्छा अवसर रहता है इसके लिए इन बिरादरियों के बिकाऊ नेताओं का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है अतः समाज के लोगों को दिग्रभ्रमित नही होना चाहिए आगे श्री कुँवर सिंह निशाद ने सपा सरकार के पत्र स0 708/26-03 04-3(37)/98 दिनंाक 10/03/2004 को केन्द्र सरकार को भेजे गये पत्र का हवाला देते हुए कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह द्वारा सामाजिक संगठनों के विराध के बावजूद भी जानबूझकर गलत इथनोग्राफिकल सर्वे रिपोर्ट केन्द्र सरकार को प्रस्तुत की गयी जिससे इन जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा न मिल सके और 2007 के विधान सभा चुनाव तक यह विषय गरमाया रहे, इस रिपोर्ट को केन्द्र सरकार द्वारा एक ही माह के अन्दर में दिनांक 08-04-2004 को गलत ठहराते हुए इन जातियों को अनुसूचित जाति के लिए पात्र नही माना, इसके बाद राष्ट्रीय निषाद संघ और अन्य सामाजिक संगठनों ने केन्द्र सरकार पर धरना प्रदर्शन और रैलियों के माध्यम से दबाब बनाकर संसद में प्रस्ताव पास कराने के लिए तैयार कर लिया जिसकी घोषणा केन्द्र सरकार के तत्कालीन ग्रह राज्य मंत्री श्री प्रकाष जयसवाल के द्वारा 9 अक्टूबर 2005 को कर दी गयी इन बिरादरियों को अनुसूचित आति का दर्जा मिलता देख मुलायम सिंह यादव ने संविधान के अनुच्छेद 141(1) (2) के खिलाफ अगले ही दिन 10 अक्टूबर संविधान के विपरीत जाकर अनुसूचित जाति की घोषण कर दी जिसके खिलाफ बसपा अध्यक्ष मायावती ने अपनी पार्टी के लोगों द्वारा हाईकोर्ट में केश दायर कर स्टे लगवा दी गई।
संविधान अनुच्छेद स0 366(24) (25) के तहत सपा सरकार से माँग करते हुये कहा है कि यदि मुलायम सिंह यादव इन 17 अति पिछड़ी जातियों की इतनी ही चिन्ता है तो पूर्व से मिल रहे आरक्षण को लागू किया जाए मझवार, मल्लाह, गौड़, तुरिहा के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र पूर्व की तरह जारी किये जाये और जाटव (चमार) के आधर पर मझवार को परिभाशित कर निषाद, केवट, मल्लाह, बिन्द, बाथम , धीमर माँझी, मछुवा, का लाभ दिया जाये जिसके लिए किसी रैली, प्रदर्षन ज्ञापन की आवष्यकता नही है प्रदेष सरकार अपने स्तर से ही कैबिनेट में एक प्रस्ताव पास कर यह कार्य सम्पन्न कर सकती है
कुँवर सिंह निषाद ने सपा सरकार के उपरोक्त माँगों न माने जाने पर 1 अप्रैल से प्रदेश भर में आन्दोलन कर समाजवादी पार्टी के खिलाफ आन्दोलन की घोषणा की है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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