समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने पेट्रोल- डीजल की कीमतों में वृद्धि पर चिन्ता जताते हुए कहा है कि मंहगाई के लिए सिर्फ केन्द्र सरकार जिम्मेदार है। इससे रोजमर्रा इस्तेमाल में होनेवाली चीजों के दाम बढ़ेगें और उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ेगी। राज्य सरकार ने मंहगाई नहीं बढ़ाई है। समाजवादी सरकार ने पेट्रोल पर कोई टैक्स नहीं बढ़ाया है। आम जनता ही नहीं केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण राज्य सरकार भी परेशान है।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं कारागार मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि केन्द्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल और ईंधन गैस की कीमतें बढ़ाकर घरेलू अर्थव्यवस्था को तहसनहस कर दिया है। होली के पूर्व चीनी की मिठास में भी कडुआहट घोलने का उसका इरादा जगजाहिर हो चुका है। पेट्रोलियम उत्पादों की मार्केटिंग करनेवाली कम्पनियों के मुनाफे में कमी से चिंतित केन्द्र सरकार आम आदमी की जिन्दगी से खिलवाड़ करने में संकोच नहीं कर रही है।
लगातार दूसरे महीने डीजल की कीमतों में 45 पैसे की बढ़ोत्तरी का एलान किया गया है। अभी पिछले महीने 18 जनवरी को ही कम्पनियों को 50 पैसे प्रति लीटर तक हर माह कीमत बढ़ाने की छूट दे दी थी। पेट्रोल की कीमतों को सरकार ने जून,2010 में ही प्रशासनिक मूल्य प्रणाली के दायरे से बाहर कर दिया था और इसके बाद से पेट्रोल की कीमतों में करीब 20 बार बढ़ोत्तरी की जा चुकी है। पेट्रोल 1Û50 रूपए प्रतिलीटर मंहगा हो गया है। पेट्रोलियम कम्पनियों को तमाम छूटें तब दी जा रही हैं जबकि अकेले इंडियन आयल कारपोरेशन ने पिछली तिमाही में 34 फीसदी मुनाफे के साथ 3,332 करोड़ रूपए कमाए थे।
केन्द्र सरकार की छूट से पेट्रोलियम कम्पनियों ने जो बढ़ोत्तरी की है उसके फलस्वरूप नीचे आती मुद्रास्फीति एक बार फिर चढ़ सकती है। परिवहन खर्च बढ़ने का असर खाद्यान्न, सब्जी, फल सभा की कीमतों में वृद्धि के रूप में दिखाई देगा। रेलमंत्री ने भी किराया बढ़ाने का संकेत दे दिया है। चीनी के दाम भी बढ़नेवाले हैं। स्पष्ट है कि कांग्रेस चैतरफा मंहगाई की चाबुक चला रही है। लेकिन अब जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। केन्द्र सरकार को तत्काल डीजल-पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोत्तरी वापस लेनी चाहिए। समाजवादी पार्टी इसका हर स्तर पर विरोध करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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