समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश
19, विक्रमादित्य मार्ग, लखनऊ
दिनांक-11.02.2013
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार लगातार मंहगाई का ग्राफ बढ़ाने पर तुली है। आम आदमी इससे बुरी तरह त्रस्त है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से परिवहन का खर्च तो कई बार बढ़ चुका है। ईंधन गैस भी अब आम आदमी के लिए बवाले-जान हो गई है। रेलवे मंत्रालय जब कांग्रेस के हाथ में आया है तो यहां भी यात्रियों की जेब खाली करने की साजिशें शुरू हो गई है। चीनी के दाम भी बढ़ने की सूचना मिल रही है।
केन्द्र सरकार ने डीजल के दाम बढ़ाए और पेट्रोलियम कम्पनियों को राहत दी। गरीबों का ख्याल नहीं रखा गया सिर्फ पूंजीघरानों के घाटे पर चिन्ता जताई गई। नतीजतन घरेलू अर्थव्यवस्था पटरी से उतरने लगी है। परिवहन में माल भाड़ा बढ़ने से खाद्यान्न, सब्जी, फल सभी की कीमतें बढ़ने लगी हैं। खुद कांग्रेसी रेलमंत्री ने हिसाब लगाकर बताया है कि डीजल के दामों में हाल में वृद्धि होने से रेलवे पर 3,300 करोड़ रूपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। रेल किराया बढ़ना तय है। यानी केन्द्र सरकार ही चैतरफा मंहगाई का चाबुक चला रही है। कुछ प्रमुख ट्रेनों में खानपान के चार्जेज भी बढ़ाने का प्रस्ताव है।
आम आदमी के इस्तेमाल में आनेवाली चीजों के दाम बढ़ाने और पूंजीघरानों को राहत पहुॅचाने का यह धंधा कांग्रेस राज में हमेषा से परवान चढ़ता रहा है। कांग्रेस जब गरीबी हटाओं की बात करती हैं तो उसका मतलब ही होता है गरीब को रास्ते से हटाओं। यह कांग्रेसी मंत्र है कि जब गरीब ही नहीं रहेगा तो गरीबी कहां दिखेगी। आजादी के बाद देष के विकास का यही कांग्रेसी एजेन्डा रहा है।
सरकार को श्री मुलायम सिंह यादव ने संसद में बहस के दौरान डा0 लोहिया की दाम बांधो नीति अपनाने का सुझाव दिया था। इसके तहत लागत मूल्य का 50 प्रतिशत उसमें जोड़कर जो राशि आएगी वही विभिन्न फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य होगा। इसी तरह आमदनी में एक-दस का अनुपात रखने का सुझाव है लेकिन कांग्रेस को तो बाजार को नियंत्रित रखने के बजाए बाजार से नियंत्रित रहना पसंद है।
परेशान करनेवाली ताजा खबर है कि चीनी के दाम भी दो रूपए प्रतिकिलो बढ़नेवाले हैं। वैसे भी वर्तमान में खुदरा बाजार में इसकी कीमत 40 रूपए प्रतिकिलो है जबकि चीनी मिल में चीनी की कीमत 21-32 रूपए प्रतिकिलो है। केन्द्र सरकार ने अब बजट प्रस्ताव के बजाए अप्रत्यक्ष रूप से उपभोक्ताओं पर भार डालने का तरीका अपना रखा है। आम आदमी इसके बोझ से दम तोड़ रहा हैं। समाजवादी पार्टी तो लगातार मंहगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करती रही है पर जनहित में कुछ सोचने और करने की अब कांग्रेस में शक्ति ही नहीं रह गई है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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