- श्रद्धालुओं को सुरक्षित उनके गन्तव्य तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने किया समुचित इंतजाम
- हादसे की जांच के लिए अध्यक्ष, राजस्व परिषद की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन
उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन पर रविवार की शाम को हुए हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उत्तर प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री श्री बलराम यादव ने आज इलाहाबाद में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर जो घटना घटी वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। लोग संगम पर स्नान कर मोक्ष की कामना के साथ महाकुंभ में आए थे, लेकिन हादसे में उनकी दुःखद मौत हो गई। श्रद्धालुओं की मौत पर हमें गहरा दःुख है। हादसे में घायल हुए लोगों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित वापस उनके गंतव्य तक भेजने के लिए राज्य सरकार सभी समुचित इंतजाम कर रही है। सरकार ने पूरे प्रदेश से बसें मंगाकर श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य भेजना शुरू कर दिया है।
श्री बलराम यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के निर्देश पर वह और परिवहन मंत्री श्री दुर्गा प्रसाद यादव, मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी, पुलिस महानिदेशक श्री अंबरीश चन्द्र शर्मा के साथ इलाहाबाद आए हैं। उन्होंने कहा कि मौनी अमावस्या के मौके पर अनुमान से ज्यादा भीड़ जुटने की वजह से हादसा हुआ। हादसे की जांच के लिए अध्यक्ष, राजस्व परिषद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। जांच कमेटी को एक महीने के अंदर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कि जांच में जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
श्री बलराम यादव ने कहा कि जांच कमेटी को यह पता लगाने के निर्देश दिए गए हैं कि हादसा क्यों हुआ, हादसे की वजह क्या है और इसके लिए कौन-कौन से लोग जिम्मेदार हैं। जांच कमेटी को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए वह सुझाव भी दे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मृतकों के परिजनों और घायलों को आर्थिक मदद देने का काम प्रशासन ने शुरू कर दिया है।
मुख्य सचिव ने बताया कि इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर हादसे में रविवार की शाम कुल 36 लोगों की मौत हुई है। जिसमें 7 पुरुष और 29 महिलाएं (एक बच्ची) शामिल है। उन्होंने बताया कि हादसे में 39 लोग घायल हुए, जिसमें 3 लोगों की हालत अत्यंत गंभीर है। स्वरूपरानी अस्पताल में 33, जे.एन. सप्रू अस्पताल में 5 और मोतीलाल नेहरू अस्पताल में एक घायल को भर्ती कराया गया है। मुख्य सचिव ने बताया कि 24 शव स्वरूपरानी अस्पताल पहुंच चुके हैं। 14 शवों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। 22 शवों का पोस्टमॉर्टम कराया जा चुका है। 19 लोगों के शवों को उनके निवास भेजा चुका है।
श्री उस्मानी ने हादसे पर गहरी संवेदना जताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के हर शख्स को श्रद्धालुओं की मौत पर गहरा दुख है। हमें श्रद्धालुओं की मौत का दिल से गम है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने महाकुंभ मेले में अच्छी व्यवस्थाएं और सुरक्षा के समुचित प्रबंध किए हैं। लेकिन इतना बड़ा हादसा होने का मतलब है कि कहीं न कहीं चूक जरूर हुई है। अगर सारी व्यवस्थाएं ठीक ढंग से क्रियान्वित होती तो इतनी बड़ी दुर्घटना नहीं होती। उन्होंने कहा कि आम आदमी से लेकर साधु-संतों और महंतों ने मेले में किए गए इंतजामों पर खुशी जताई थी। मेले में की गई व्यवस्थाओं से सभी लोग पूरी तरह संतुष्ट थे।
मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर प्रशासन रेलवे के साथ बेहतर तालमेल बिठाकर काम कर रहा था। दुर्घटना का कारण क्या था, रेलिंग का टूटना या फिर भारी भीड़…, इसकी विस्तृत जानकारी जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद ही पता चल सकेगी। उन्होंने बताया कि आगामी 15 फरवरी को बसंत पंचमी के पावन अवसर पर महाकुंभ में होने वाले स्नान के लिए श्रद्धालुओं को पूरी सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी।
पुलिस महानिदेशक श्री अंबरीश चन्द्र शर्मा ने बताया कि मौनी अमावस्या के मौके पर मेला क्षेत्र में हुई 2 लोगों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए अलग से एक जांच कमेटी बनाई जाएगी। जांच रिपोर्ट मिलने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
पत्रकार वार्ता में उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक जौहरी और रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी श्री देवी प्रसाद पांडेय भी मौजूद थे। श्री जौहरी ने बताया कि मौनी अमावस्या के मौके पर रेलवे ने जितने श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद की थी उससे कहीं बहुत ज्यादा श्रद्धालु आए। रेलवे ने श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए जो प्रबंध किए थे वो कम पड़ गए।
इससे पहले मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक ने इलाहाबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक, चार, प्लेटफार्म नंबर छः और फुट ओवर ब्रिज पर जाकर रेलवे अधिकारियों के साथ मौका-मुआयना किया और हादसे के बारे में जानकारी ली। मुख्य सचिव और डीजीपी ने रेलवे कंट्रोल रूम का भी निरीक्षण किया। मुख्य सचिव और डीजीपी ने इलाहाबाद पहुंचने के तुरंत बाद पुलिस लाइन्स के सभागार में प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियो के साथ बैठक कर घटना की विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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