लखनऊ- शहर की पुलिस और आईडिएक्ट्स इनोवेशन, साइबर कैफे सल्युशन कंपनी जो नवीनतम व अनोखे इन्टरनेट एप्लीकेशनों का विकास करती है, शहर के साइबर कैफे मालिकों को सम्बोधित करते हुए साइबर कैफे की सुरक्षा व प्रबंध पर होने एक संवादात्मक सत्र पर संयुक्त रूप से भाग लिया है। इस समारोह में लखनऊ शहर के मुख्य पुलिस अधिकारियो ने भाग लिया। इसका आयोजन साइबर कैफे के मालिकों के बीच साइबर स्पेस के राष्ट्र विरोधी व अपराधिक गतिविधियों के लिए होने वाले प्रयोग के प्रति सर्तक करने के उद्देश्य के साथ हुआ।
लखनऊ पुलिस के डीआईजी प्रेम प्रकाश के अनुसार वास्तव में साइबर क्राइम को नियन्त्रित करने का यह एक अनोखा मैकेनिज्म है और यह उस माध्यम का अच्छा उपयोग कर सकता है जिसे युवाओं व शहर के सभी हिस्सों में क्रियात्मक रूप से प्रयोग किया जाता रहा है। गलत कार्यो के लिए साइबर कैफे एक सामान्य लक्ष्य होते है और इन्हें सही तरह से व्यवस्थित करना जरूरी है, क्योंकि भारत में पहले भी इसका प्रयोग गैर सामाजिक तत्वों द्वारा किया जा चुका है और इन्हें सुरक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है। अभी तक, ज्यादातर साइबर कैफे, कैफे आने वालों का डाटा एक रजिस्टर में लिखकर रखते है जोकि न केवल अप्रभावकारी है बल्कि आवश्यकता पड़ने पर इन्हें निकालना भी बहुत कठिन है। इसके अतिरिक्त कुछ कैफे आने वालों से पहचान पत्र के लिए आग्रह भी नहीं कर पाते। आईडिएक्ट्स इनोवेशन का क्लिंक साइबर कैफे मैनेजर साइबर कैफों के सरल, सुरक्षित व निर्बाद व्यवसाय और राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा। इस प्रयास में हम आईडिएक्ट्स इनोवेशन के साथ जुड़कर बेहद प्रसन्न है।
आईडिएक्ट्स इनोवेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक संचालक गुरविन्दर सिंह ने कहा भारत में इंटरनेट तक की 47 प्रतिशत पहुंच साइबर कैफों के सहयोग से होती है, साइबर क्राइम के लिए वे एक मुख्य स्थान के रूप में उभर रहे हैं, इन्हें सुरक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है। आज साइबर कैफे मालिकों के पास कैफे में आने वालों की सूचना को रखने का एक व्यवहारिक समाधान नहीं है। क्लिंक साइबर कैफे मैनेजर के साथ आईडिएक्ट्स अपने साझेदारों को एक साधारण साफ्टवेयर के साथ कैफे आने वालों के रिकार्ड को लम्बें समय तक रखने में सहायता करता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Vikas Sharma
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