ऽ स्नानार्थियों का आगमन लगातार जारी।
ऽ चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं सुरक्षाबल के जवान। आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित हैं विभिन्न सुरक्षा एजेन्सियों के जवान।
ऽ एयरफोर्स के तीन हेलीकाप्टर भी आसमान से बारी-बारी से उड़ान भर कर मेले की भीड़ एवं सुरक्षा पर रख रहें है नज़र।
ऽ स्नान हेतु बनाये गये 22 घाटों के 18000 फीट लम्बाई में श्रद्धालु करेंगे स्नान।
महाकुंभ में गंगा-यमुना-सरस्वती के पावन संगम पर मौनी अमावस्या का स्नान शनिवार को अपरान्ह से शुरू हो चुका है जो रविवार को जारी रहेगा। मौनी अमावस्या पर महास्नान के लिए अब तक 1 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम नगरी पहुंच चुके हैं। भारी संख्या में श्रद्धालुओं का आना जारी है। मौनी अमावस्या के स्नान के लिए श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है।
मेला अधिकारी श्री मणि प्रसाद मिश्र ने बताया कि श्रद्धालुओं की सहूलियत और उनकी सुरक्षा के लिए प्रशासन ने मेला क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान करवा कर उन्हें सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। मेलाधिकारी ने बताया कि संगम तट पर भारतीय संस्कृति एवं आस्था के अनेक रंग देखने को मिल रहे हैं।
श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित स्नान के मद्देनजर 22 घाट बनाए गए हैं। इन सभी घाटों को मिलाकर कुल तकरीबन 18,000 फीट लंबी जगह श्रद्धालुओं के स्नान के लिए उपलब्ध है। सभी घाटों पर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी और जल पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। मेलाधिकारी श्री मिश्र के मुताबिक, श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए 3 फीट गहराई के बाद गंगा में बेरीकेडिंग की गई है। श्रद्धालुओं को बेरीकेडिंग के अंदर ही स्नान करना होगा।
मेलाधिकारी ने बताया कि मेला क्षेत्र में सफाई स्वास्थ्य विभाग के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। मेला क्षेत्र में 7 हजार सफाई कर्मी तैनात किए गए हैं। श्री मिश्र ने बताया कि हम सभी गंगा की पवित्रता को लेकर बेहद चिंतित है। हमें विष्वास है कि शाही स्नान से पहले गंगा का पानी पूरी तरह साफ हो जाएगा।
महाकुंभ मेले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आर.के.एस. राठौर ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर रविवार को गंगा में नाव नहीं चलेंगी। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस, पीएसी, सीआरपीएफ, सीमा सुरक्षा बल, एसएसबी, रैपिड एक्शन फोर्स, होमगार्ड्स, नागरिक सुरक्षा, एनडीआरएफ और जल पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। पूरे मेला क्षेत्र में 65 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। सीसीटीवी कैमरे के जरिए सभी प्रमुख जगहों की निगरानी की जा रही है। प्रत्येक मेला प्रवेष द्वारों पर विषेष निगरानी रखते हुए सुरक्षा बल द्वारा चेकिंग की जा रही है।
एसएसपी श्री राठौर ने बताया कि महाकुंभ मेला क्षेत्र को सुरक्षा के नजरिये से सात जोन में बांटा गया है। चार जोन में पुलिस अधीक्षक और तीन जोन में अपर पुलिस अधीक्षक को प्रभारी बनाया गया है। मेले मे 30 पुलिस थाने और 40 पुलिस चैकियां बनाई गई हैं। थानों में निरीक्षक स्तर के और चैकियों में उपनिरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारियों को प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा आग जैसी किसी घटना से निपटने के लिए 30 फायर स्टेशन भी बनाये गये हैं। आग पर नजर रखने के लिए 24 फायर वॉच टावर भी तैयार किये गये हैं । महाकुंभ मेले में 11 वायरलेस ग्रिड तैयार किये गये हैं। 37 कंट्रोल वॉच टावर से भी सुरक्षा व्यवस्था पर पैनी नजर रखी जा रही है। मेले की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया तंत्र की भी मदद ली जा रही है। वायु सेना के 3 हेलीकॉप्टर मेला क्षेत्र के ऊपर लगातार उड़ान भरकर हवाई निगरानी कर रहे हैं।
एसएसपी श्री राठौर ने बताया कि प्रदेश पुलिस, दूसरे राज्यों की पुलिस और अर्धसैनिक बलों को जोड़ दिया जाये तो करीब तीस हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी श्रद्धालुओं की सुरक्षा में लगे हैं । उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में सभी प्रकार के वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों की पार्किंग के लिए प्रशासन ने पार्किंग स्थल बनाए हैं। इलाहाबाद जनपद की सीमा में 88 एवं मेला सीमा में 11 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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