अगर आप से कोई कहता है कि २५० रु० दे दो मै आपका ड्राइविंग लाइसेंन्स बनवा दूंगा वो भी अधूरे कागजात से तो आपको आश्श्च्र्य नही होना चाहिए क्योकि यह सम्भव है जिले के ए.आर.टी.ओ. कार्यालय मे कार्यालय के बाहर ही अपको लाइसेन्स बनवाने वाले दलाल मिल जायेगें ग्राहक ढूढते हुए।
भूल से यदि आपने उनसे पूछ लिया तो लग जायेंगे आपके पीछे, फिर शुरु होता है मोल भाव यदि आपके पास मानक के अनुरुप कागजात नही है तो मोल २५० रु० बिना किसी प्रमाण के कर्मचारियो के मिली भगत से सारे अवैध काम होता है । इस कार्यालय से गौरतलब हो कि डी.एल. को एक पहचान पत्र के रुप मे पूरे देश मे मान्यता है फिर भी दस बीस के चक्कर मे ये दलाल कर्मचारियो की मिलीभगत से देश की सुरक्षा मे सेंध लगाने से गुरेज नही करते है ।
देश मे हो रही लगातार आंतकवादी गतिविधियो से भी सबक न लेकर ये कर्मचारी देश की आन्तरिक सुरक्षा के साथ खिलवाड करते नजर आ रहे है । हर एक काउन्टर धांधली का शिकार है यह कार्यालय यहां तक कि बिना दलालो के माध्यम से आप कार्यलय मे कोई कागजात न ही बनवा सकते है । इस बारे मे नाम न छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि इस दलालो के माध्यम से ही अधिकारियो तक पैसा पहुंचता है ।
ये रकम पूर्व निर्धारित होती है और परिवहन अधिकारियो की यही कमाई होती है । दलालो के वर्चस्व के बारे मे पूछने पर उसने बताया कि जो साहब तक पैसा पहुंचाता है जाहिर है कि साहब उसी की सुनेगे अगर आप पैसा देते है तो आपका लाइसेन्स आसानी से बन जायेगा और अगर सरकारी फीस तक आप सीमित होते है तो तमाम प्रव्रिहृयाओ से आप को गुजरना पडेगा ।
इस कर्मचारी की बातो ने तो अधिकारियो की भ्रष्ट व्रिहृयाकलापो की कलई खोल दी । सबसे अहम बात तो यह है कि पैसे की अवैध कमाई के पीछे ये लोग सुरक्षा को भी ताक पर रख रहे है । ये कोई पहली बार नही है कि इस कार्यालय की भ्रष्ट व्रिहृयाकलाप सामने आयी है बल्कि इसके पहले भी यह कलई कई बार खुल चुकी है लेकिन प्रशासन की आंखो से नीद नही गायब हो रही है शायद प्रशासन को किसी अनहोनी का इंतजार है । फिलहाल देश की सुरक्षा मे सेंध लगा रहे इन अधिकारियो और कर्मचारियो को किसी की भी सुध नही है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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