लखनऊ- प्रदेश के ग्राम्य विकास मन्त्री दद्दू प्रसाद ने राश्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना (नरेगा) के तहत निर्धारित मजदूरी का भुगतान 15 दिन में करने के सख्त निर्देश दिये है। उन्होने अधिकारियों को हिदायतें दी है कि इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं बरती जानी चाहिए। कहीं से भी न्यूनतम मजदूरी भुगतान की शिकायत पाये जाने पर योजना से सम्बन्धित अधिकारी सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।
ग्राम्य विकास मन्त्री ने यह निर्देश राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के सेक्टोरल कन्ववर्जेस से कार्य करने वाले लघु सिंचाई, वन, सिचाई, लोक निर्माण विभाग, भूमि विकास, जल संसाधन विभाग, कृशि, उद्यान, मत्स्य, रेशम, एवं पंचायती राज विभागों के प्रमुख सचिवों व सम्बन्धित विभागाध्यक्षों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान दिये। उन्होंने कहा कि खण्ड विकास अधिकारियों की कमी को देखते हुए विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक शीघ्र कराने हेतु प्रस्ताव लोक सेवा आयोग को तत्काल भेज दिया गया तथा पूर्व से हुए मन्त्रिपरिशद के निर्णय के अनुपालन में सेवा स्थानान्तरण के आधार पर भी 24 विकास खण्ड अधिकारियों को चयनित किया गया है, जिन्हें प्रिशक्षण देकर शीघ्र ही तैनात किया जायेगा।
उन्होने कहा कि नरेगा योजना एक कल्याणकारी योजना है। उत्तर प्रदेश सरकार गरीबों के उत्थान के लिए कटिबद्ध है, इसलिए सभी विभाग अपनी कार्यशैली सरल बनाकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि इस योजना मे महिलाओ की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाये।
ग्राम्य विकास मन्त्री ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि मशीनों से नरेगा का कार्य न लिया जाय, ताकि मजदूरों को अधिक से अधिक कार्य मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्य स्थल पर मस्टर रोल रखे जाने की व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाये। साथ ही यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक व्यय धनराशि व फील्ड मे कार्य को एम0आई0एस0 पर दर्ज किया जाये। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि परियोजनाओं का चयन करते समय नरेगा गाइड लाइन के अनुसार ही कार्य करें। सेक्टोरल कन्वर्जेस से कराये जाने वाले समस्त कार्यो में मजदूरी एवं सामग्री अंश का अनुपात 60:40 रखने पर विशेश ध्यान दिया जाये। बैठक में प्रमुख सचिव ग्राम विकास श्रीक्रष्ण, ग्राम्य विकास आयुक्त संजीव कुमार एवं सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।