बलात्कार, भ्रष्टाचार एवं अपहरण जैसे जघन्य अपराधों में संलिप्त विधायक जिस दल की शोभा बढ़ा रहे हों, ऐसे दल की सरकार से नैतिकता की उम्मीद नहीं की जा सकती है। धन लेकर लालबत्ती देने से यह बात पूरी तरह साफ हो गयी है कि समाजवादी पार्टी पूर्ववर्ती प्रदेश की बसपा सरकार के नक्शेकदम पर चल रही है। सपा सरकार का मकसद सिर्फ ऐन-केन-प्रकारेण धन एकत्र करना ही रह गया है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने आज यहां जारी बयान में कहा कि प्रदेश में जिस तरह से शीर्ष अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग में भारी लूट मची है। सपा के मंत्री से लेकर विधायक, कायकर्ता तक धनउगाही में जुटे हुए हैं। प्रदेश की जनता से उनका कोई सरोकार नहीं रह गया है। यही वजह है कि प्रदेश में विकास कार्य पूरी तरह ठप है। उन्होने कहा कि आये दिन सपा प्रमुख द्वारा आईएएस एवं आईपीएस अधिकारियों को ट्रांसफर का भय दिखाकर भयभीत किया जा रहा है और मनोबल तोड़कर मनमाने तरीके से काम करवाने का दबाव डाला जा रहा है जो पूरी तरह से अनुचित है।
प्रवक्ता ने कहा कि सरकार के गठन के कुछ ही माह बीते होंगे जब गोण्डा जनपद के राज्यमंत्री ने नियुक्ति को लेकर जनपद के सीएमओ का अपहरण कर मारा-पीटा। जनपद सीतापुर के एक विधायक द्वारा अपने जनपद में ही दलितों के घरों को जलाया गया। लखनऊ में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त एक सपा नेता ने जमीन पर जबरिया कब्जे को लेकर समाचारपत्रों में खबर छपने की बात पर मीडियाकर्मी तक को मारने-पीटने से गुरेज नहीं किया गया। बाराबंकी के एक राज्यमंत्री द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करके आतंक मचाया गया। इसी प्रकार रामलाल अकेला, साहब सिंह सैनी और राम आसरे कुशवाहा ने सरकार के मुंह में कालिख पोतने वालों की फेहरिस्त लम्बी करने में अपनी भूमिका निभाई। अभी चार-पांच दिन पूर्व पशु तस्करी में संलिप्त और अपराधिक मामलों में वांछित जनपद गोण्डा के के0सी0 पाण्डेय को राज्यमंत्री का दर्जा देने के बाद होहल्ला होने के उपरांत भी सिलसिला नहीं थमा और गैर प्रदेश के एक ऐसे व्यक्ति जिसका राजनीति से दूर-दूर तक कोई सरोकार नहीं था, को मात्र इस नाते कि उसने सपा को चुनाव में धन उपलब्ध कराया था, राज्यमंत्री का दर्जा प्रदान कर दिया गया। उपरोक्त सभी उक्त तथ्य सपा सरकार में नैतिकता के पूर्ण ह्रास की ओर संकेत करते हैं। वर्तमान सरकार में व्याप्त इस प्रकार की क्रियाप्रणाली ऐसा आभास दिलाती है कि इस सरकार में मंत्री पद जनहित के लिए न होकर वरन् धन उगाही और ठाठ-बाठ के लिए रेवड़ी की तरह नीलाम/बेंचे जा रहेें हैं। कुल मिलाकर समाजवादी पार्टी सरकार में जिस प्रकार अपराधियों और भ्रष्टाचारियों को तवज्जो दिया जा रहा है, उससे यह बात तो साफ है कि इस सरकार में नैतिकता के कोई मायने नहीं रह गये हैं।
श्री मदान ने कहा कि सरकार में शीर्ष से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार करने वालों में होड़ मची हुई है। समाजवादी पार्टी सरकार भ्रष्टाचारियों और अपराधियों का संरक्षणगृह बनकर रह गयी है।
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