हिंदुत्व के नाम पर सत्ता प्राप्त करने वाली भारतीय जनता पार्टी सहित सभी राजनीतिक दल मुस्लिम वोट पाने के लिए हिन्दुओं के साथ विश्वासघात कर रहे हैं। म0प्र0 के धार जिले में लगातार हो रहे हिन्दुओं के अपमान एवं दमनचक्र पर विहिप सहित समस्त हिंदु संगठन अपना मौन तोड़कर अपनी नीति स्पष्ट करें कि वह भाजपा का हित साधना चाहते हैं या हिन्दु समाज का।
उक्त बातें काशी सुमेरूपीठाधीश्वर नरेन्द्रानन्द सरस्वती, यतीन्द्रानन्द गिरी जी महाराज, स्वामी माधवानन्द जी महाराज, पंचानन्द जी महाराज ने संयुक्त रूप से पत्रकार वार्ता के दौरान इलाहाबाद प्रेस क्लब में कही। उन्होने आग बताया कि धार जिले के भोज की पावन नगरी में जहां सरस्वतीजी प्रकट हुई थी वहां राजा भोज ने भव्य मंदिर बनवाया था, जिसे विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया था। यह हमारे स्वाभिमान का प्रतीक था। बताया कि 1997 में मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भोजशाला में हिन्दुओं के प्रवेश पर पूर्णतः प्रतिबंध कर मुस्लिमों को शुक्रवार की नमाज पढ़ने के लिए सौंप दी, जो आज भी जारी है।
बताया कि 1997 से 2003 तक चले लंबे संघर्ष में सरकार को झुकना पड़ा और केवल बसंत पंचमी के एक दिन ही माॅं सरस्वती की विधिवत पूजा का अधिकार हिंदुओं को दिया गया। उन्होने कहा कि 15 फरवरी को बसंत पंचमी है और शुक्रवार भी पड़ रहा है। जबकि 2006 में राज्य सरकार ने बसंत पंचमी पर भोजशाला में षड्यन्त्र पूर्वक विश्वासघात कर हजारों हिंदुओं के साथ बर्बर अत्याचार करते हुए यज्ञ को बुझा कर नमाज पढ़वा दी थी।
उन्होने आगे कहा कि 2003 के म0प्र0 विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा लन्दन में कैद वाग्देवी माॅं सरस्वती की प्रतिमा को मुक्त कराने व भोजशाला में स्थापित करने का वचन देकर चुनाव लड़ा और जीता। परन्तु मुख्यमंत्री ने 2011 की बसंत पंचमी पर माॅं सरस्वती के अवतरण दिवस पर पालकी यात्रा हेतु नवनिर्मित माॅं वाग्देवी की प्रतिमा को ग्वालियर कारागार में कैद कर लिया। जिस पर 2012 में पुनः प्रतिमा को मुक्त करने व सरस्वती महोत्सव मनाने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे और माॅं सरस्वती का चित्र लेकर निकले श्रद्धालुओं पर बर्बर लाठीचार्ज करते हुए महिलाओं एवं पुरूषों को गिरफ्तार कर बुरी तरह प्रताडि़त किया गया।
अन्त में सभी सन्तों ने कहा सत्ता में आने और बने रहने के लिए सभी दल मुस्लिमों की नाजायज मांगों की पूर्ति कर देशद्रोह कर रहे हैं। जबकि जो परम्परा निश्चित की गयी है उसी का पालन होना चाहिए। हिन्दु समाज को केवल संतों से अपेक्षा है और आवश्यकता पड़ी तो हम संत 15 फरवरी को धार जिले में पहुंचकर विधिवत पूजा-पाठ करवायेंगंे और कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। कहा कि हिन्दु समाज को मुस्लिमों के नमाज पर कोई ऐतराज नहीं परन्तु वह अपने स्थल पर ही करें। जबकि मुस्लिम धर्म भी यही कहता है कि ऐसी नमाज कभी सफल नहीं होती।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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