वरिष्ठ पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह की पुस्तक ‘जैन धर्म का
प्रमुख केन्द्र थी फतेहपुरसीकरी’ का ताज साहित्य उत्सव में लोकार्पण करते बाएं
से मेयर हरविजय सिंह बाहिया, इंद्रजीत आर्य, डॉ. भानु प्रताप सिंह, अशोक जैन
सीए, राहुल देव, पीयूष पांडे, अरविन्द जोशी, अलोक पुराणिक, चंडीदत्त शुक्ल,
अविनाश वाचस्पति, प्रतीक पांडे।
फ्लैग.. पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह की किताब पर ताज साहित्य उत्सव में हुई
चर्चा
खोजपूर्ण खबरों के बाद हुआ था उत्खनन 1000 साल प्राचीन जैन प्रतमिाएं मिली थीं सीकरी के इतिहास पर नई रोशनी पड़ी इतिहास के छात्रों के लिए संग्रहणीय
वरिष्ठ पत्रकार डॉ. भानु प्रताप सिंह द्वारा लिखित पुस्तक ‘जैन धर्म का
प्रमुख केन्द्र थी फतेहपुरसीकरी’ का लोकार्पण डीपीएस, शास्त्रीपुरम में चल रहे
ताज साहित्य उत्सव में किया गया।
मेयर इन्द्रजीत आर्य, प्रसिद्ध भाषाविद, टीवी एंकर राहुल देव, दिल्ली विवि में
प्राध्यापक, आर्थिक विषयों के जानकार और ज्योतिषवेत्ता आलोक पुराणिक, प्रख्यात
व्यंग्यकार, लोकप्रिय हिन्दी ब्लॉगर चर्चित ब्लॉग नुक्कड़ के मॉडरेटर अविनाश
वाचस्पति, युवा लेखक, कवि, सम्पादक, ब्लॉगर, भास्कर के फीचर सम्पादक चंडीदत्त
शुक्ल, पहले हिन्दी ब्लॉग और जय हो के संस्थापक प्रतीक पांडे, अरविन्द जोशी,
पत्रकार, लेखक पीयूष पांडे, ताज साहित्य उत्सव के जनक और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी
हरविजय सिंह बाहिया, समाजसेवी अशोक जैन सीए आदि ने पुस्तक का लोकार्पण किया।
बीआरए विवि के इतिहास एवं संस्कृति विभागाध्यक्ष और पूर्व कुलपति प्रो. सुगम
आनंद थोड़ा विलम्ब से आए।
बदल सकता है सीकरी का इतिहास
इस मौके पर अशोक जैन सीए ने कहा कि दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिन्दुस्तान के
बाद डॉ. भानु प्रताप सिंह इस समय ‘द सी एक्सप्रेस’ के समाचार सम्पादक हैं।
फतेहपुरसीकरी के सम्बन्ध में खोजपूर्ण रिपोर्टिंग की। उस आधार पर पुरातत्व
विभाग ने खोजबीन की और फतेहपुरसीकरी के इतिहास पर नई रोशनी पड़ी। यह तथ्य
उद्घाटित हुआ कि एक हजार साल पहले फतेहपुरसीकरी जैन धर्म का प्रमुख केन्द्र
थी। यह पुस्तक इतिहास के विद्यार्थियों और नए पत्रकारों के उपयोगी है। अगर
व्यापक खोजबीन हो तो सीकरी का इतिहास भी बदल सकता है। उत्खनन में मिली
मूर्तियों के लिए उनके प्रयासों से सीकरी में संग्रहालय बनाया जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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