पयागीपुर क्षेत्र में स्थित गाटा संख्या १२ बिना किसी अधिग्रहण आदेश के १९५९ मे बिजली विभाग ने तत्कालीन कलेक्ट्रेट अधिकारियों से मिली भगत कर अवैध तरीके से हासिल कर लिया था उक्त भूमि के काश्तकारो के बीच यह प्रचारित करवाया कि यहां बडे पावरहाउस का निर्माण होगा पर ऐसा नही हुआ । जबकि कानून के अनुसार जिस किसान की भूमि सरकार जिस कार्य के लिए अधिग्रहीत करती है दस वर्ष मे वह कार्य न कर पाने की स्थित मे जमीन पुनरू किसान को वापस कर दे । फिर लगभग २८ बीघे मे फैले इसी भू भाग पर २३ वर्ष पूर्व नगरपालिका ने अपना हक जताना शुरु किया ।
ट्रान्सर्पोट नगर का शिलापट लगाकर चार फुट की उहृचाई देकर दिवाल का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया इसी बीच बिजली विभाग ने दीवानी न्यायालय सुलतानपुर मे पालिका के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करवाकर कार्य को रोकवा दिया था । नगर पालिका ने बिजली विभाग से २लाख चैरान्वे हजार में ५ बीघा १० बिस्वा सुलह के जरिए अपने नाम करा लिया था जबकि कानून के अनुसार बिजली विभाग गाटा संख्या १२ का मालिक नही था । उक्त भूमी के काश्तकार रहे फैय्याज हुसैन के पुत्र एजाज अहमद निवासी खैराबाद ने १९ जनवरी को इस सम्बन्ध मे विभिन्न बिन्दुओं पर जनसूचना जिलाधिकारी एवं उपजिलाधिकारी सदर से मांगी है एवं प्रशासन से अपनी मांग मे अवगत करवाया है कि इसका मुकदमा हाईकोर्ट की लखनउहृ बेंच रिट संख्या ७९२२ध्१२ के तहत विचारा धीन है ।
पालिका द्वारा मौके पर करवाये जा रहे इस अवैध निर्माण को रोका जाय जिसका मानचित्र भी नही स्वीकृत । उक्त मामले मे महर्षिरमण संस्थान के अध्यक्ष दीपक मिश्रा ने बताया एजाज अहमद समेत पयागीपुर क्षेत्र के दर्जन भर किसानो की जमीने इसमे गई है जिसका किसी भी किसान को कोई मुवावजा नही मिला इसकी शिकायत भी मुख्यमंत्री से की गई थी तथा मौके पर नगर पालिका परिषद द्वारा करवाये जा रहे अवैध निमार्ण कार्य को तत्काल रोकवाने की मांग जिला प्रशासन एवं शासन से किया जा रहा है ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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