समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि जातीयता और सांप्रदायिकता के सहारे राजनीति को जहरीली बनाने में बसपा और भाजपा की एकरूपता काफी पुरानी है जिसमें अब केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री बेनी प्रसाद वर्मा भी शामिलबाजा की भूमिका में आ गए है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार ने प्रदेश में विकास के एजेण्डा को आगे बढ़ाने का जो संकल्पित प्रयास शुरू किया है उससे इन सभी को परेशानी हो रही है और इसलिए ये सभी मिलकर प्रदेश को फिर अराजकता, सांप्रदायिकता तथा अस्थिरता के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं।
इलाहाबाद में विश्व हिन्दू परिषद फिर अपना पुराना राग राम मंदिर को लेकर छेड़ रही है जबकि सभी जानते हें कि यह मसला या तो अदालत से तय होगा अथवा आपसी सहमति से। विहिप या भाजपा का इरादा राम मंदिर के नाम पर सिर्फ अपना स्वार्थ साधन करना रहा है क्योंकि केन्द्र में और राज्य में भाजपा की सरकारों के रहते तो उन्हें निर्माण की बात कभी सूझी नहीं। सच तो यह है कि ये दल सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ कर तनाव का माहौल बनाने में ही रूचि रखते हैं ताकि प्रदेश विकास के एजेण्डा से दूर-दूर रहे और वे जनता को इसी तरह बरगलाते रहें। बसपा ने पिछले पांच सालों तक सिर्फ लूट और झूठ का राज चलाया। पत्थरों की अपनी प्रतिमाओं पर जनता की गाढ़ी कमाई लुटा दी। भाजपा-बसपा के गहरे रिश्ते इससे साबित हंै कि तीन बार भाजपा के समर्थन से सुुश्री मायावती मुख्यमंत्री बनीं और उन्होने बदले में गुजरात जाकर नरेन्द्र मोदी का प्रचार किया।
सब जानते हैं कि विघटनवादी ताकतों का मुकाबला सिर्फ समाजवादी पार्टी ही कर सकती है। केन्द्र की यूपीए सरकार और कांग्रेस सांप्रदायिक और जातीय ताकतों के सामने सिर झुकाती रही है। केन्द्र में कांग्रेस सरकार के रहते बाबरी मस्जिद तोड़ी गई। बसपाराज की लूट को भी कांग्रेस का संरक्षण मिला। उत्तर प्रदेश को विकास से दूरकर पिछड़ा और बदहाल प्रदेश बनाया गया। अगर श्री मुलायम सिंह यादव ने मोर्चा न सम्हाला होता तो केन्द्र में कांग्रेस फिर सत्ता में न आती, भाजपा वहां होती।
उत्तर प्रदेश में श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में जबसे समाजवादी पार्टी की बहुमत की सरकार बनी है, उन सभी दलों और नेताओं की धड़कने बढ़ गई हैं जो अपनी संकीर्ण राजनीति के जरिए प्रदेश के लोगों को भरमाने का काम करते थे। उनकी रूचि विकास में नहीं है। बेनी बाबू जैसे नेताओं के लिए प्रदेश का विकास कोई मुद्दा नहीं रह गया है। उन्हें मालूम है कि जनता ने उन्हें किस तरह तिरस्कृत कर रखा है। अब वे अमर्यादित आचरण कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी के नेता श्री मुलायम सिंह यादव के विरूद्ध क्रंदन-रूदन कर रहे हैं जिनकी बदौलत ही उन्हें राजनीति में कद, पद और सम्मान मिला है। जिस थाली में खाएं उसी में छेद करने की आदत उन्हें अब छोड़ देनी चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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