उत्तर प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री शंखलाल माझी की अध्यक्षता में आज उनके सरकारी आवास पर मछुआ समुदाय की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक रूप से पिछड़े मछुआ समुदाय की (मल्लाह, केवट, निषाद) प्रजापति, बाथम, वियार, भर, चाई, खैरहा/ तुरैहा, बिन्द, धीवर/धीमर, कहार, राजभर, कश्यप/गोडि़या, मांझी उपजातियों का अनुसूचित जाति का दर्जा दिये जाने पर विचार-विमर्श किया गया।
स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने बताया कि समाज की इन वंचित जातियों को अनुसूचित जाति में सम्मिलित करने संबंधी सभी शर्तें पूरी पायी जाती हैं तथा मछुआ समुदाय की उपजातियां गोड़, खरवार, बेल्दार, मझवार, तुरेहा इत्यादि जातियां जो उत्तर प्रदेश की अनुसूचित जाति की सूची में पहले से ही सम्मिलित हैं, इनका आपस में एक दूसरे से वैवाहिक संबंध, खान-पान, रहन-सहन, रीति-रिवाज भी है। ऐसे में इन जातियों को भी अनुसूचित जाति में सम्मिलित करने का औचित्य बनता है।
श्री मांझी ने बताया कि मझुआ समुदाय की जातियां बंगाल में बिन्द, महार, संघ क्षेत्र दिल्ली में मल्लाह, त्रिपुरा में कहार, पंजाब और हरियाणा में महार और मेहरा अनुसूचित/जनजाति में सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि आगामी 16 फरवरी को होने वाले सम्मेलन में 17 जातियों को अनुसूचित जाति में सम्मिलित करने पर मछुआ समुदाय बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेगा।
इस अवसर पर गायत्री प्रसाद प्रजापति, दयाराम प्रजापति, विसम्भर प्रसाद निषाद, पप्पू निषाद, डा0 राजपाल कश्यप, अनिल राजभर सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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