मण्डलायुक्त ने कुंभ मेला में किया विभिन्न सेक्टरों का निरीक्षण

Posted on 31 January 2013 by admin

कमियाँ शीघ्र पूर्ण कराने हेतु सम्बन्धित विभागों को दिये निर्देष।
मण्डलायुक्त इलाहाबाद श्री देवेष चतुर्वेदी ने गत दिवस कुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर 11,12,13 एवं 14 के विभिन्न स्नान घाटों एवं सफाई व्यवस्था का स्थलीय निरीक्षण किया। आयुक्त श्री चतुर्वेदी ने त्रिवेणी डाउन पाण्टून पुल के बीच निरीक्षण के दौरान पाया कि गंगा नदी के किनारे काफी अतिक्रमण कर पण्डाल लगा दिये गये है। वर्तमान मंे गंगा नदी में हो रही अत्यधिक कटान के कारण दुर्घटनायें हो सकती है अतः सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए सेक्टर मजिस्ट्रेट 11 को निर्देषित किया कि इस स्थान पर हुए अतिक्रमण को हटवायें।
उन्होंने पाया कि त्रिवेणी पाण्टून एवं जगदीष रैम्प से महाबीर पाण्टून तक अत्यधिक कटान होने के कारण कोई भी स्नान घाट बनाया जाना सम्भव नही हो पा रहा है। जगदीष एवं महावीर पाण्टून पुलों के बीच नदी के किनारे गाटा रोड पर कई स्थानों पर कीचड़ हो गया है। कीचड़ का कारण, नल का पानी रोड पर आने की वजह पायी गयी। उन्होेंने जल निगम विभाग को निर्देष दिया कि गढ्ढा बनाकर पानी एक स्थान पर एकत्रित करें, अथवा विकल्प के रूप में प्लास्टिक की पाइप डालकर पानी को सीवर लाइन से जोड़ा जाय।
जगदीष एवं महावीर पाण्टून के पुलों के बीच नदी के किनारे अत्यधिक गन्दगी भी पायी गयी। देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि कई दिनों से सफाई नहीं हुयी है, ब्लीचिंग न डालने के कारण बदबू आ रही है। आयुक्त ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देष दिया कि अतिशीघ्र इस स्थान पर सफाई व्यवस्था सुनिष्चित करायें।
निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने पाया कि महावीर मार्ग के उत्तरी पटरी पर गढ्ढा एवं ड्रेन का पानी सीधे गंगा नदी में जा रहा है। उन्होंने जल निगम को शीघ्र ही इस पानी को रोककर पानी के निस्तारण के वैकल्पिक व्यवस्था सुनिष्चित करने का निर्देष दिये।
सेक्टर नं. 12 के निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने पाया कि महावीर पाण्टून और अक्षयवट पाण्टून के मध्य 600 फीट स्नान घाट उपलब्ध है परन्तु इस स्थान की चैड़ाई कम है। इस घाट पर कहीं भी यूरिनल नहीं बनाया गया है और न ही कोई चेन्ज रूम है। उन्होने स्वास्थ्य विभाग को  निर्देष दिया कि इस घाट पर शीघ्रातिषीघ्र यूरिनल बनाया जाना सुनिष्चित करें।
अक्षयवट पाण्टून पुल के आगे निरीक्षण करते हुए उन्होंने पाया कि लगभग 500 फीट का घाट कटान के कारण समाप्त हो गया हैं। कटान होने का मुख्य कारण यह था कि दिनांक 26 व 27 जनवरी को अतिरिक्त जल नदी में छोड़ा गया था। यह बताया गया कि माननीय उच्चन्यायालय के आदेषों के क्रम में यह जल छोड़ा गया है। स्नान के एक दिन के पहले जल स्तर का बढ़ना सुरक्षा की दृष्टिकोण से उचित नहीं है इसका प्रभाव यह होता है कि जो घाट स्नान के पहले तैयार किये गये है वह असुरक्षित हो जाते है। सिंचाई विभाग को निर्देषित किया गया कि माननीय उच्चन्यायालय के समक्ष पक्ष रखते हुए यह निवेदन करें कि स्नान के दो दिन पहले जल न बढ़ाया जाय। यदि माननीय उच्चन्यायालय द्वारा भी अतिरिक्त जल छोड़ने के लिए निर्देष दिये जाते है तो कम से कम पांच दिन पहले जल छोड़ने का अनुरोध किया जाय। जिससे कि पूर्व में बनाये हुए घाट को सुरक्षित बचाये जा सके।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि सरस्वती घाट पर कटान की वजह से बोरियां बह गयी है और घाट का स्लोप समाप्त हो गया है। अतः  आवष्यक है कि 10 फरवरी के स्नान को दृष्टिगत रखते हुए यहां पर स्नान घाट हेतु स्लोप बनाया जाय जिससे तीर्थ यात्री सुविधापूर्वक स्नान कर सकें। उन्होंने सिंचाई विभाग को निर्देष दिये कि उक्त कार्य शीघ्र करायें।
सरस्वती मार्ग संगम लोअर से पूर्व डी0आर0डी0ओ0 द्वारा शौचालय स्थापित कराया गया है। निरीक्षण के समय आयुक्त ने कोई भी सफाईकर्मी व कार्य प्रभारी मौके पर उपस्थित नहीं पाया। शौचालय में अत्यधिक गन्दगी पायी गयी एवं बदबू भी आ रही थी जिसके कारण आस-पास का वातावरण दूषित हो रहा था। उन्होंने निर्देष दिये कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थापित शौचालय की भांति गैर परम्परागत शौचालयों में सफाईकर्मी एवं कार्य प्रभारी का नाम एवं मोबाइल नम्बर अंकित कराये जाए।
सेक्टर नं. 12 के पुल नं. 17 के अपस्ट्रीम में लगभग 3500 फीट एवं डाउनस्ट्रीम में लगभग 2500 फीट अच्छा स्नान घाट उपलब्ध पाया गया। सेक्टर 14 के सेक्टर मजिस्ट्रेट द्वारा अवगत कराया गया कि लगभग 400 फीट स्नान घाट सोमेष्वर महादेव मन्दिर के सामने विकसित हो सकता है, क्योंकि नदी का जलस्तर दो से तीन फीट रहेगा। उचित होगा कि 10 फरवरी के स्नान हेतु घाट के निर्माण पर विचार किया जाय।
आयुक्त श्री चतुर्वेदी ने पाया कि डी0पी0एस0 स्कूल के सामने लगभग 800 फीट का स्नान घाट बना है क्योंकि यह स्नान घाट सबसे दूर का स्नान घाट है। उन्होने निर्देष दिया कि मुख्य मार्गों पर संकेत चिन्हों के माध्यम से स्नान घाट को इंगित किया जाय जिससे स्नानार्थी घाट का उपयोग कर सकें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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