सहारा वन पर धारावाहिकों के गुलदस्ते में एक नया धारावाहिक घर आजा परदेसी एक बड़ी संभावना के साथ अपना आगाज कर चुका है। नाॅन फिक्शन शो के प्रख्यात निर्माता श्री गजेन्द्र सिंह अपने पहले धारावाहिक घर आजा परदेसी के साथ टेलिविजन की रंगीन दुनिया में पदार्पण कर रहे हैं।
मालुम हो कि घर आजा परदेसी एक ऐसी बेटी की कहानी है जो भारतीय मर्यादाओं को रेखांकित करते हुए अपने पिता की तलाश करती है। यह कहानी जहां एक तरफ भारतीय पारिवारिक परम्परा में स्त्री के बलिदान को गौरवान्वित करती है तो दूसरी तरफ प्रेम एवं कर्तव्य को भी दर्शाती है। हालांकि उसके इस प्रयास में पारिवारिक रूढि़यां एवं पितामह के विरोध का भी सामना करना पड़ता है।
धारावाहिक में भवानीशंकर मिश्र (विक्रम गोखले), जो वाराणसी के एक प्रतिष्ठित परिवार के मुखिया हैं, तब हतप्रभ हो जाते हैं जब उनकी ही पोती उनके रूढि़वादी आदर्श के बर-खिलाफ चुनौती देती है। इस कहानी में आधुनिकता के प्रवाह और पुरानी रूढि़यों के बीच प्रामाणिक द्वंद्व दर्शाया गया है। यह कहानी दो पीढि़यों, दो महाद्वीपों और दो विचारधाराओं के अन्तर्विरोध को बखूबी प्रस्तुत करती है, जिसमें भवानीशंकर के पुत्र राघव (महेश ठाकुर) एवं पौत्रियों देविका (रळची सवर्ण) तथा रळद्राणी (सपना पब्बी) एवं बहू सजनी मिश्रा (अनीता कुलकर्णी) के जीवन के विरोधाभासों को अत्यंत रोचकता एवं संवेदनशीलता के साथ उकेरने का प्रयास किया गया है।
भवानीशंकर मिश्र अपने विद्रोही पुत्र राघव पुत्र को अपनी सम्पत्ति से स्थायी रूप से बेदखल कर देते हैं, क्योंकि उसने अपनी पत्नी से रिश्ते को तोड़ दिया था। मिश्र परिवार अपने इस मुखिया से मूल्यों और परम्पराओं पर आधारित निर्णय का मुखर विरोध करता आ रहा है। जब भवानीशंकर मिश्र यह महसूस करते हैं कि उनका पूरा परिवार आज भी राघव को दिल से चाहता है और एक दिन उसके वापस घर आने की आशा करता है, तो वह इन सभी से क्रोधित होकर अपने जीवित पुत्र के अंतिम क्रिया-कर्म करने की घोषणा कर देते हैं। अपने इस आक्रोश भरे निर्णय में वह राघव की पत्नी सजनी तथा अपनी प्रपौत्री देविका की भावनाओं को भी नजर अंदाज कर देते हैं। भवानीशंकर के इस निष्ठुर व्यवहार से सारा परिवार दुखी हो जाता है और देविका अपने पितामह के विरळद्ध सख्ती से खड़ी हो जाती है। वह अपने पिता राघव मिश्र को वापस घर लाने का निर्णय लेती है और अपने पिता द्वारा कन्यादान किये जाने के बाद ही विवाह करने का संकल्प लेती है।
श्री सुरेश मिश्र, असिस्टेंट डायरेक्र वर्कर, सहारा वन मीडिया एण्ड एंटरटेनमेंट लि. ने बताया, ‘हम फिक्शन शो के निर्माण की विधा में श्री गजेन्द्र सिंह के प्रवेश का स्वागत करते हैं और हमें पूर्ण विश्वास है कि जिस प्रकार उन्होंने नाॅन-फिक्शन के क्षेत्र में अपने प्रभुत्व को कायम किया था, उसी प्रकार वे फिक्शन के क्षेत्र में भी अपनी सृजनशीलता का रंग भरने में सफल होंगे। घर आजा परदेसी हमारे सम्माननीय बुजुर्गों द्वारा मूल्यों एवं परम्पराओं के संरक्षण तथा नयी पीढ़ी द्वारा तार्किक रूप से उठाये जाने वाले प्रश्नों की रोचकता को रेखांकित करता है। एक नवीन परिकल्पना एवं मंजे हुए कलाकारों की एक लम्बी फेहरिस्त के साथ घर आजा परदेसी निश्चित रूप से दर्शकों को प्रभावित करेगा।
श्री गजेन्द्र सिंह, प्रबंध निदेशक, साईबाबा टेलीफिल्म्स, जो पहली बार फिक्शन शो के क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं, ने कहा, ‘टीवी धारावाहिक में प्रवेश करने का विचार हमारे मन में कुछ समय पहले आया था। यह बोनी कपूरजी एवं सहारा वन के सहयोग से संभव हो सका है। यह परिकल्पना सांस्कृतिक नगरी बनारस के आस-पास के परिवेश में विकसित हुई है, क्योंकि यह एक ऐसा स्थान है, जहां पर हम संगीत और पर्वों को उनके वास्तविक रंग में अनुसंधानित कर सकते हैं। इस परिकल्पना के सृजन का प्रमुख उद्देश्य अपने देश की विविधतापूर्ण संस्कृति एवं परम्परा को प्रदर्शित करना रहा है। यह लंदन से भारत आयी एक लड़की द्वारा एक नयी संस्कृति एवं जीवन शैली को अपनाने की कथा भी है।‘
घर आजा परदेसी की दिलचस्प कथा-वस्तु में विक्रम गोखले, स्मिता जयकर, अनिता कुलकर्णी और महेश ठाकुर जैसे मशहूर कलाकारों का जीवंत अभिनय चार चांद लगा देगा। विक्रम गोखले और स्मिता जयकर की सशक्त जोड़ी सुपर हिट फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ के बाद एक बार फिर एक साथ देखी जाएगी। इसमें प्रमुख भूमिका रळचि सवर्ण एवं सपना पब्बी निभा रही हैं।
धारावाहिक ‘घर आजा परदेसी ….. तेरा देस बुलाये रे’ सोमवार 28 जनवरी से, प्रसारित होना शुरू हो गया है और प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार तक रात 8 बजे केवल सहारा वन पर देखा जा सकता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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