सुलतानपुर- गड़ा धन हासिल करने के लिए छह वर्षीय बालिका की नरबलि चढ़ाने के चर्चित मामले में पिता व तान्त्रिक सहित चार आरोपियों को अपर जिला जज सप्तम ने आजीवन कारावास की सजा के साथ ही छह-छह हजार रूपये का अर्थदण्ड भी किया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार थाना हलियापुर क्षेत्र के निवासी शोभनाथ उर्फ शोभे पासी ने 16 जुलाई 2008 को स्थानीय थाने में गुमशुदी दर्ज कराई थी। गुमशुदी में शोभनाथ ने कहा कि 16 जुलाई08 की रात में उसकी चारपाई के बगल उसकी छह वर्षीय पुत्री वन्दना सोई हुई थी। रात लगभग चार बजे शोभनाथ की नी्द खुली तो वन्दना नदारत मिली। 19 जुलाई 08 को शोभनाथ ने थाने में जाकर सूचना दिया कि उसकी पुत्री की क्षत-विक्षत शव गांव के पश्चिम तरफ स्थित एक ईंट-भट्टे के निकट तालाब के किनारे पड़ी है। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने वन्दना के शव के पास पूजा के सामान, चूड़ी व गड़ांसा बरामद किया। इसके बाद पुलिस ने अपहरण करके हत्या करने के साबूत मिटाने के अभियोग में मुकदमा दर्ज किया। पुलिस की विवेचना में यह नरबलि चढ़ाने का मामला पाया गया।
पुलिस के अनुसार शोभनाथ ने गांव के ओझा बाबादीन और रायबरेली जिले के जायस थाने के कुड़वा निवासी तान्त्रिक राम खेलावन और मोहनगंज थाने के मुजियाबाद गांव निवासी पप्पू उर्फ हीरालाल के साथ मिलकर अपनी पुत्री वन्दना की बलि गड़ा धन पाने के लिए चढ़ा दी थी। मामले की विवेचना पूरी करने के बाद हलियापुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष बृजेन्द्रनाथ शुक्ल ने चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी।
मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे एडीजीसी क्रिमिनल शिवशंकर सिंह ने घटना को साबित करने के लिए नौ गवाहों को कोर्ट में पेश किया। मामले की सुनवाई कर रहे अपर जिला जज सप्तम एस.सी. राना ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने व साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद तान्त्रिक सहित चार आरोपियों को अपर जिला जज सप्तम ने आजीवन कारावास की सजा के साथ ही छह-छह हजार रूपये का अर्थदण्ड भी किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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