मंसूरी समाज के लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था आॅल इण्डिया जमीअतउल मंसूर ने बाराबंकी जिले के रामनगर थाना क्षेत्र में गत 29 दिसम्बर को मंसूरी नाबालिग लड़की के साथ हुए बलात्कार व हत्या का मुआवजा मुख्यमंत्री के द्वारा सिर्फ 2 लाख रूपयें दिये जाने को गरीब बेटी के परिवार वालों के साथ मजाक बताया है।
आॅल इण्डिया जमीअतउल मंसूर के राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष व यू.पी. एग्रो के पूर्व चेयरमैन राज्यमंत्री जावेद इकबाल मंसूरी ने कहा कि जहां एक ओर दिल्ली गैगरेप पीडि़त लड़की के परिवार को 25 लाख रूपयंे व परिवार के सदस्य को नौकरी दी गयी वही दूसरी ओर गरीब मुस्लिम मंसूरी बेटी को आज बाराबंकी में 2 लाख रूपयें देकर गरीब परिवार का मजाक उड़ाया है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि जो रकम जिलाधिकारी बाराबंकी के हाथो दिया जाना था उसे भी ओछी राजनीति के चलते सपा सरकार के एक मंत्री के हाथो दिलाई गयी।
श्री मंसूरी ने कहा कि मुख्यमंत्री में यदि जरा सी नैतिकता है तो उन्हें पीडि़त परिवार से मांफी मांग कर 25 लाख का मुआवजा तत्काल देकर मुस्लिम समाज को यकीन दिलाना चाहिए कि मुआवजा देने में वह किसी प्रकार की धर्म-जाति का भेदभाव नही करते है। श्री मंसूरी ने कहा कि 29 दिसम्बर को हुए नाबालिग मंसूरी बेटी के साथ हुए गैगरेप व हत्या को लेकर मंसूरी समाज के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा लगभग एक महीनें बाद मंसूरी समाज की 25 लाख मुआवजें की मांग पर केवल 2 लाख रूपयें मुआवजा देकर पीडि़त परिवार के साथ मजाक किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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