राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा0 चै0 अजित सिंह एवं राष्ट्रीय महासचिव व सांसद मा0 जयन्त चैधरी के निर्देषानुसार पूरे प्रदेष में श्रद्धेय जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयन्ती जिला मुख्यालय पर मनायी गयी। इसी क्रम में राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष मुख्यालय पर प्रदेष अध्यक्ष मुन्ना सिंह चैहान की अध्यक्षता में महान समाजवादी चिन्तक जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयन्ती धूमधाम से मनायी गयी तथा गोष्ठी भी आयोजित की गयी।
श्रद्धेय कर्पूरी ठाकुर के चित्र पर माल्र्यापण एवं श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये श्री चैहान ने गोष्ठी को सम्बोधित करते हुये कहा कि श्रद्धेय कर्पूरी ठाकुर का व्यक्तित्व एक खुली किताब की तरह था उनकी कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं था। समस्तीपुर के गरीब नई परिवार में जन्में श्री ठाकुर अपने जीवन में प्राथमिक षिक्षक से संघर्ष करते हुये बिहार मंत्रिमण्डल में कई बार मंत्री व चैधरी चरण सिंह के सहयोग से दो बार मुख्यमंत्री बनें। उन्होंने किसानों, गरीबों, पिछड़ों, वंचितों दलितों को वाजिब हक दिलाने के लिए कई बार जेल भी जाना पड़ा लेकिन उन्होंने अपने समाजवादी सिद्वान्तों से कभी समझौता नहीं किया। मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुये भी वे अपने पुराने कच्चे मकान में रहते थे। श्रद्धेय चैधरी चरण सिंह उनकी सादगी, कर्मठता और ईमानदारी से प्रभावित होकर राजनीति में आगे बढ़ाया। आपातकालीन के दौरान भी श्रद्धेय कर्पूरी ठाकुर ने जयप्रकाष नारायन के आव्हान पर सम्पूर्ण क्रान्ति के आन्दोंलन में भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। बिहार की जनता आज भी उन्हेें गरीबों, मजदूरों, व वंचितों के मसीहा के खिताब से नवाजती है।
श्री चैहान ने श्रद्धेय कर्पूरी ठाकुर के जन्म दिवस पर संकल्प लेते हुये प्रदेष सरकार से मांग की है कि आरक्षण में कर्पूरी ठाकुर का फार्मूला लागू करे। कर्पूरी ठाकुर का मानना था कि 27 प्रतिषत पिछड़ों में आबादी के अनुसार अतिपिछड़ों व अकलियतों में पिछड़ों को भी आरक्षण का लाभ मिल सके। जबकि वर्तमान आरक्षण में अतिपिछड़ों को अभी तक आरक्षण के लाभ से वंचित रखा गया है उसी प्रकार दलितों के 22 प्रतिषत आरक्षण में भी आबादी के अनुसार अतिदलितों को भी आरक्षण का लाभ मिले। बिहार सरकार ने आरक्षण में कर्पूरी ठाकुर के फार्मूले को लागू किया जिससे अतिपिछड़ों व अतिदलितों को आरक्षण का लाभ मिला।
उन्होंने सरकार को घेरते हुये कहा कि सरकार को ईमानदारी से अतिपिछड़ों अतिदलितों के लिए आरक्षण का लाभ देने के लिए कर्पूरी ठाकुर के आरक्षण के फार्मूले को लागू करे तभी इनकों प्रदेष की मुख्यधारा में लाया जा सकेगा।
गोष्ठी का संचालन प्रदेष प्रवक्ता प्रो0 के0के0 त्रिपाठी ने किया। गोष्ठी को समबोधित करने वालों में पूर्व मंत्री सच्चिदानंद गुप्त, राकेष कुमार सिंह मुन्ना, अनिल दुबे, आरिफ महमूद, प्रो0 यज्ञदत्त शुक्ल, वसीम हैदर, संतोष कुमार यादव, मनोज सिंह चैहान, अम्बुंज सिंह पटेल, शषांक सिंह, आकिल खां, सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी, डा0 ए0एस0 तिवारी, अनिल सिंह, किरन सिंह, रमावती तिवारी, वसुधा सिंह, लक्ष्मी गौतम, साधना चैधरी, किरन नागवंषी, उमर अली, प्रमोद विक्रम, विनोद सिंह, सत्तार, सरदार नरेन्द्र सिंह, आषीष कुमार, असलम, अमित पाल, सुनील विक्रम, प्रमोद श्रीवास्तव, रामबाबू, हरपाल यादव, शहजाद, सफीक सिददीकी आदि प्रमुख रूप से थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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