भारत सरकार द्वारा डीजल मूल्य में भारी वृद्धि कर दिए जाने के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को 1 करोड़ रूपये प्रतिदिन का घाटा हो रहा है। बढ़ी हुई संचालन लागत के कारण परिवहन निगम की लाभदायकता प्रभावित होने के साथ-साथ वित्तीय संस्थाओं द्वारा परिवहन निगम को ऋण देने में और आपूर्तिकर्ताओं द्वारा साख सुविधा उपलब्ध कराने में कठिनाई व्यक्त की जा रही है।
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक श्री आलोक कुमार ने आज परिवहन मंत्री राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह से भेंट कर बसों के संचालन एवं कर्मचारियों के वेतन भुगतान तथा वित्तीय संस्थाओं के भुगतान में आ रही कठिनाइयों से अवगत कराते हुए इसका समाधान निकालने का अनुरोध किया। प्रबन्ध निदेशक ने परिवहन मंत्री को अवगत कराया कि गत नवम्बर माह में शासन ने यात्री किराया दरों में 10 पैसे प्रति सीट प्रति कि0 मी0 की वृद्धि किए जाने की जब अनुमति दी थी, तब डीजल की कीमत 42.46 रूपये प्रति लीटर थी। तबसे लेकर गत 18 जनवरी तक डीजल की कीमत में 5 बार वृद्धि हुई है, जिसके फलस्वरूप आज डीजल की कीमत 60.57 रूपये प्रति लीटर हो गई है। इस प्रकार डीजल मूल्य में अब तक 18.11 रूपये की वृद्धि हो चुकी है, जबकि यात्री किराये में कोई वृद्धि नहीं की गयी है। उन्होंने बताया कि गत 18 जनवरी को अचानक डीजल मूल्य में 11.40 रूपये प्रति लीटर वृद्धि कर दिये जाने के कारण परिवहन निगम की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
प्रबन्ध निदेशक ने परिवहन मंत्री को यह भी बताया कि परिवहन निगम के लिए एक करोड़ रूपये प्रतिदिन का अतिरिक्त व्यय भार वहन करना किसी भी तरह संभव नहीं हो पा रहा है और इस संबंध में तत्काल कार्यवाही की आवश्यकता अपरिहार्य हो गयी है, अन्यथा कुम्भ मेले के लिए बनायी गयी कार्य योजना का क्रियान्वयन बुरी तरह प्रभावित होने की प्रबल संभावना है।
परिवहन मंत्री ने प्रबन्ध निदेशक को इस संबंध में शासन स्तर से आवश्यक कदम उठाने के लिए आश्वस्त करते हुए प्रबन्ध निदेशक को निर्देश दिए कि कुम्भ मेले के लिए बस संचालन में कोई कठिनाई नहीं आनी चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com