नेता जी सुभाष चन्द्र बोस स्मारक संस्थान एवं शहीद स्मृति समारोह समिति के संयुक्त तत्वावधान में आज स्वाधीनता संग्राम के महान क्रान्ति योद्धा नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के 117वें जन्मदिवस पर बेगम हजरत महल पार्क के पास स्थित सुभाष चैराहे पर एक समारोह का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि लखनऊ के महापौर प्रो0 दिनेश शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि नेताजी बहुत ही कुशाग्र बुद्धि के और क्रान्तिकारी विचारों के थे। उनका जीवन सादगी पूर्ण था। उनके अंदर देश प्रेम की भावना कूट-कूट कर भरी थी। वे देश को आजाद कराने के लिये कुछ भी करने को हमेशा तैयार रहते थे। उनके और गाॅधी जी के विचारों में भारी असमानता थी परन्तु वे गाॅधी जी का बहुत सम्मान करते थे। नेताजी का मानना था कि यदि कोई तुम्हें थप्पड़ मारे तो तुम उसको मुक्का मारकर ईंट का जवाब पत्थर से दो, तभी तुम्हें आजादी प्राप्त होगी। जब अपने देश में उनको समुचित सहयोग नहीं मिला तो जर्मनी जाकर उन्होंने वहाॅ की सरकार से सहयोग लेकर आजाद हिन्द फौज की स्थापना की और भारत को आजाद कराने के लिये अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी।
महापौर डा0 शर्मा ने कहा कि आज 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिन्होंने आजादी के बाद जन्म लिया है। इसलिये उनको आजादी का महत्व पता नहीं है। आजादी की भावना बच्चों में बचपन से उत्पन्न करें तथा उनकों आजादी का महत्व बताये कि कितने संघर्षों और बलिदानों के बाद हमारा देश आजाद हुआ है। उन्होंने नौजवानों का आह्नवान किया कि आज हमारे देश में चारों तरफ भ्रष्टाचार, अत्याचार तथा आनेक सामाजिक बुराइयों का बोलबाला है। उसको खत्म करने के लिये युवा पीढ़ी को आगे आना होगा। यही हमारी नेता जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कार्यक्रम से पूर्व नेता जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और बच्चों द्वारा देशगान तथा नेता जी के जीवन पर संक्षिप्त प्रकाश डाला गया। महापौर डा0 दिनेश शर्मा ने बच्चों तथा पी0ए0सी0 बैंड को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर भातखण्डे संगीत संस्थान (डीम्ड युनिवर्सिटी) की कुलपति प्रो0 श्रुति सडोलीकर काटकर, सुधीर एस0 हलवासिया, दीवान सुशील पुरी, कर्नल ए0बी0 सिंह तथा बड़ी संख्या में बच्चें व वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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