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पेरेन्ट कंपनी द्वारा अपनी सब्सीडरी कंपनी को स्टैम्प ड्यूटी की प्रतिपूर्ति योजना-2012

Posted on 24 January 2013 by admin

प्रदेश में तीव्र औद्योगिक विकास के लिये उद्योगों के प्रोत्साहन व सहायता हेतु मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के दिशा-निर्देशन में ’’पेरेन्ट कंपनी द्वारा अपनी सब्सीडरी कंपनी को स्टैम्प ड्यूटी की प्रतिपूर्ति योजना-2012’’ प्रारम्भ की गयी है।
योजना के अंतर्गत इस प्रतिपूर्ति के लिये पेरेन्ट कंपनी का अपनी सब्सीडरी कंपनी में कम से कम 51 प्रतिशत अंश होना चाहिये तथा पेरेन्ट कंपनी द्वारा सब्सीडरी कंपनी को शासनादेश जारी होने के बाद भूमि का हस्तान्तरण होना आवश्यक है। इसके अलावा सब्सीडरी कंपनी द्वारा भूमि हस्तान्तरण के 3 वर्ष के अंदर वाणिज्यिक उत्पादन प्रारम्भ होना चाहिये। भूमि या तो पैरेन्ट कंपनी की हो अथवा उसे क्रय करने की दशा में स्टैम्प ड्यूटी का भुगतान किया जाना अनिवार्य होगा। इन शर्तों को पूरा करने वाली कंपनी को शासनादेश जारी होने की तारीख से 5 वर्ष के अंदर स्टैम्प शुल्क प्रतिपूर्ति के लिये प्राधिकृत संख्या को आवेदन करना होगा।
योजना का परिचालन प्राधिकृत संस्था के रूप में उ0प्र0 राज्य औद्योगिक विकास निगम (यू0पी0एस0आई0डी0सी0) द्वारा किया जा रहा है। पैरेन्ट कंपनी में प्रोपराइटरशिप फर्म, कंपनी, सोसाइटी, स्पेशल परपज वेहिकिल या साझेदारी फर्म सम्मिलित हैं।
योजना का लाभ उठाने के लिये पैरेन्ट कंपनी, सभी आवश्यक शर्तें पूरी करेगी। साथ ही सब्सीडरी कंपनी द्वारा भूमि हस्तान्तरण की सभी वैधानिक कार्रवाईयां पूरी किया जाना एवं संबंधित विकास प्राधिकरण/विनियमित क्षेत्र के प्राधिकारी या अन्य सक्षम संस्था से मानचित्र अनुमोदित कराया जाना आवश्यक होगा। भूमि का अंतरण शासनादेश या किसी न्यायालय के आदेश के विपरीत नहीं होना चाहिये। इसके अलावा अगर पेरेन्ट या सब्सीडरी कंपनी ने किसी राजकीय वित्तीय संस्थान से वित्तीय सहायता ली है तो उसे योजना की अवधि में वित्तीय संस्थान की अपेक्षित मूलधन एवं ब्याज की किश्तों का भुगतान निर्धारित समय में कर दिया जाना आवश्यक होगा।
योजना का लाभ लेने के लिये पेरेन्ट व सब्सीडरी कंपनी को योजना के सभी नियमों व शर्तों का पालन किया जाना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त अगर सब्सीडरी कंपनी स्टैम्प ड्यूटी की प्रतिपूर्ति होने के 5 वर्ष के अंदर उत्पादन वंद कर देती है तो उसे प्रतिपूर्ति की गयी समस्त धनराशि प्राधिकृत संस्था को वापस करनी होगी। ऐसा न करने पर सम्पूर्ण धनराशि की वसूली भू-राजस्व की तरह प्राधिकृत संस्था द्वारा की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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