इलाहाबाद स्टेशन पर भारी-भीड़, यात्रियों की आवाजाही के बीच एक ट्रेन आकर प्लेटफार्म नं0 एक पर रूकती है। ट्रेन के रूकते ही यात्रियों का एक हुजूम प्लेटफार्म पर फैल जाता है। एक बुजुर्ग दम्पति सामान को हाथों में उठाये ट्रेन से नीचे उतरने की कोशिश में है कि तभी लाल रंग की जैकेट और पीले रंग की कैप लगाये हुए जिस पर अतिथि देवो-भवः और उ0 प्र0 पर्यटन लिखा हुआ है कुली बुजुर्गों का सामान अपने हाथों में लेकर अपना आई-कार्ड दिखाता है और उन्हें आश्वस्त करते हुए सहारा देते हुए बाहर तक लाता है। स्टेशन के बाहर हरे रंग की जैकेट और अतिथि देवो-भवः लिखी हुई कैप लगाये बहुत से विक्रम चालक दिखाई देते हैं, कुली इस महाकुम्भ में कल्पवास करने के इच्छुक यात्रियों को उनके द्वारा बताये गये स्थान तक पहुंचाने के लिए विक्रम में बैठा देता है।
इस यूनिफार्म में और भी बहुत से कुली और विक्रम चालाक स्टेशन के आस-पास दिखाई दे रहे हैं, जो सुबह से शाम तक, कुछ देर रात और कुछ भोर में भी अपने दायित्वों का निर्वाह पूरी आस्था और निष्ठा के साथ कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के अन्तर्गत मान्यवर कांशीराम पर्यटन एवं प्रबन्ध संस्थान के निदेशक प्रो0 मनोज दीक्षित बताते हैं कि भारत सरकार की कैपेसिटी बिल्डिंग फाॅर सर्विस प्रोवाइडर योजना के तहत इलाहाबाद में आयोजित महाकुम्भ की आवश्यकताओं को देखते हुए कुल 2700 ट्रैवेल फैसिलिटेटर को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके अन्तर्गत विभिन्न योजनाओं के तहत ट्रैवेल फैसिलिटेटर पर्यटन विभाग के पर्यटन प्रबन्ध संस्थान द्वारा प्रशिक्षित किये गये हैं।
प्रो0 दीक्षित ने बताया कि ये वर्दीधारी मृदुभाषी, समर्पित कुली और वाहन चालक पर्यटन विभाग द्वारा प्रशिक्षित ट्रैवेल फैसिलिटेटर ही हैं जो देश के कोने-कोने से आये आस्था में सराबोर कुम्भ यात्रियों की सुविधा के लिए पवित्र नगरी में सर्वत्र उपलब्ध हैं। पर्यटन विभाग के प्रवक्ता द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इलाहाबाद जंक्शन पर 180 कुलियों को यह खास प्रशिक्षण दिया गया था जिसमें उन्हें बातचीत, व्यवहार, सफाई से रहने एवं आपात्-स्थिति में प्राथमिक उपचार करना आदि सिखाया गया था।
ये प्रशिक्षित कुली स्टेशन पर अलग से पहचाने जा सकें, और यात्री सुगमता से इन तक पहुॅंच सकें, इसके लिए इन्हें पर्यटन विभाग के प्रतीक चिन्ह से अंकित लाल रंग की जैकेट और पीले रंग की कैप दी गई है। इन कुलियों को परिचय पत्र भी दिये गये हैं जिस पर इनकी फोटो अंकित है। प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर इनकी सेवायें प्राप्त की जा सकती हैं।
महाकुम्भ में आये यात्रियों की जरूरतों को देखते हुए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा कुल 990 ड्राइवरों को प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें से 688 इलाहाबाद के तथा 302 वाराणसी के हैं। वाराणसी में कैब ड्राइवरों को तथा इलाहाबाद में विक्रम चालकों को ट्रेनिंग दी गई है। इन्हें भी शिष्ट व्यवहार, अच्छी भाषा तथा साफ-सफाई का खास ध्यान रखने के लिए विभाग द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। इसके अतिरिक्त इन कुली और वाहन चालकों को इलाहाबाद और वाराणसी शहरों के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई है ताकि जरूरत पड़ने पर ये पर्यटकों को शहर के मिजाज और वहाॅं के महत्वपूर्ण दर्शनीय स्थलों से भी अवगत करा सकें। प्रशिक्षण के दौरान इसी उद्देश्य से इन्हें इलाहाबाद और वाराणसी में घुमाया भी गया था, ताकि वे स्वयं भी अच्छी तरह से सभी तीर्थ स्थलों से परिचित हो सकें। वाहन चालकों की जैकेट हरे रंग की है और कैप पीले रंग की है जिस पर ‘अतिथि देवो भवः’ अंकित है। इन्हें भी विभाग द्वारा परिचय पत्र दिये गये हैं। इनके परिचय पत्र पर इनके फोटो और परिचय के अतिरिक्त पुलिस कंट्रोल रूम, फायर, एम्बुलेंस, वुमेन पावर लाइन, और चाइल्ड हेल्प लाइन तथा पर्यटन सूचना केन्द्र के फोन नम्बर भी दिये गये हैं ताकि आपात् स्थिति में पर्यटकों को समुचित सेवायें उपलब्ध कराते हुए उनका बेहतर मार्गदर्शन कर सकंे। ये प्रशिक्षित वाहन चालक इलाहाबाद, प्रयाग, दारागंज स्टेशन तथा कचहरी व सिविल लाइन्स एवं बैंक रोक पर उपलब्ध होंगे
उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गई इन सेवाओं का लाभ लेने के लिए सम्पूर्ण जानकारी पर्यटक मेला क्षेत्र में पर्यटन कैम्प अथवा पर्यटन कार्यालय इलाहाबाद के दूरभाष नं0 0532-2408873 पर सम्पर्क स्थापित करके भी प्राप्त की जा सकती हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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